लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के बीच जोरदार मुकाबला देखने को मिला। NDA और INDIA के बीच जल्द ही राउंड 2 की चुनावी फाइट होने जा रही है। 10 जुलाई को सात राज्यों के 13 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होना है। इसमें पश्चिम बंगाल की 4 सीटें शामिल हैं। जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होगा उनमें बिहार की रुपौली, पश्चिम बंगाल की रायगंज, राणाघाट दक्षिण, बागदाह और मानिकतला सीटें हैं। तमिलनाडु की विक्रवंडी, मध्य प्रदेश की अमरवाड़ा, उत्तराखंड की बद्रीनाथ व मंगलौर और पंजाब की जालंधर पश्चिम सीट है। मौजूदा विधायकों की मृत्यु या विभिन्न दलों से इस्तीफों के कारण ये सीटें खाली हुई हैं, जहां उपचुनाव कराया जा रहा है।
बंगाल की चारों सीटों का समीकरण समझें
पश्चिम बंगाल में मानिकतला कांग्रेस की पारंपरिक सीट हुआ करती थी। हालांकि, अब यह तृणमूल कांग्रेस का गढ़ बन गई है। 20 फरवरी, 2022 को मौजूदा टीएमसी नेता साधन पांडे की मृत्यु के बाद यह सीट खाली हुई। रायगंज सीट पर 2021 में बीजेपी ने जीत दर्ज की। हालांकि, विधायक कृष्णा कल्याणी बाद में टीएमसी में शामिल हो गईं। उन्हें रायगंज से लोकसभा का टिकट मिल गया। मगर, वह भाजपा उम्मीदवार कार्तिक पॉल से चुनाव हार गईं। बागदाह की बात करें तो 2021 में उत्तर 24 परगना की यह सीट बीजेपी ने जीती। हालांकि, जीतने वाले उम्मीदवार बिस्वजीत दास टीएमसी में लौट आए। दास को लोकसभा चुनाव में टीएमसी से टिकट मिला। मगर, वह बोनगांव निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के शांतनु ठाकुर से हार गए। राणाघाट दक्षिण विधानसभा सीट भी खाली है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी विधायक मुकुट मणि अधिकारी टीएमसी में शामिल हो गए। अब भाजपा के मनोज कुमार विश्वास के खिलाफ टीएमसी कैंडिडेट के रूप में फिर से सीट से चुनाव लड़ेंगे।
जालंधर पश्चिम सीट पर उपचुनाव को लेकर राजनीतिक हमले
पंजाब में जालंधर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के लिए 10 जुलाई को उपचुनाव होना है। AAP के विधायक शीतल अंगुराल के इस्तीफे के कारण यह उपचुनाव कराना जरूरी हुआ है। कांग्रेस के सीनियर नेता प्रताप सिंह बाजवा ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को अपमानजनक हार का सामना करना पड़ेगा। पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता बाजवा ने कहा कि आप लोकसभा चुनाव में जालंधर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में तीसरे स्थान पर चली गई। यह यह विधानसभा क्षेत्र जालंधर संसदीय सीट का हिस्सा है, जहां से कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी सांसद हैं। उन्होंने कहा, ‘लोकसभा चुनाव में जालंधर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को 44 हजार मत, भाजपा को 42 हजार, जबकि आप को केवल 15 हजार मत मिले थे। इस विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं के मूड का आकलन कोई भी आसानी से कर सकता है।’
हिमाचल उपचुनावों के लिए कांग्रेस ने झोंकी ताकत
हिमाचल प्रदेश के देहरा, नालागढ़ और हमीरपुर में विधानसभा उपचुनाव होना है। इसके लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। सरकार और संगठन के सभी नेता फील्ड में उतर गए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह सहित सभी मंत्रियों ने तीनों विधानसभा क्षेत्रों में मोर्चा संभाल लिया है। 8 जुलाई तक इन तीनों चुनावी हलकों में डोर टू डोर और नुक्कड़ सभाओं का आयोजन होगा। देहरा से मुख्यमंत्री सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर, हमीरपुर से डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा और नालागढ़ से हरदीप सिंह बावा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। देहरा सीट से मुख्यमंत्री सुक्खू की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है। पुनर्सीमांकन के बाद वर्ष 2012 से अस्तित्व में आए देहरा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को बीते तीन चुनावों से जीत नसीब नहीं हुई है।
मंगलौर, बदरीनाथ उपचुनाव में जीत के दावे
उत्तराखंड में आगामी 10 जुलाई को 2 विधानसभा क्षेत्रों बदरीनाथ और मंगलौर में उपचुनाव होगा। कांग्रेस के मुख्य मीडिया समन्वयक राजीव महर्षि ने कहा कि विगत चुनाव में बदरीनाथ सीट कांग्रेस के पास थी और इस बार भी यह उसके पास ही रहेगी। उन्होंने कहा कि मंगलौर में विगत चुनाव में कांग्रेस महज कुछ सौ वोट से पिछड़ गई, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जनता पूरी तरह भाजपा के चाल, चरित्र और उसकी मंशा को पहचान चुकी है, इसलिए उसे उपचुनाव में कोई लाभ नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि भाजपा को तो मंगलौर में कोई स्थानीय उम्मीदवार तक नहीं मिला। मजबूरन उसे प्रत्याशी भी आयातित करना पड़ा।
तमिलनाडु की विक्रवंडी सीट पर उपचुनाव के क्या हाल
तमिलनाडु विधानसभा उपचुनाव के लिए सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), पट्टाली मक्कल कच्ची (पीएमके) और नाम तमिलर कच्ची (एनटीके) सहित कुल 29 उम्मीदवार मैदान में हैं। उपचुनाव में सत्तारूढ़ द्रमुक के नेतृत्व वाले मोर्चे, भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन और एनटीके के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। मुख्य विपक्ष और उसके सहयोगियों ने चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है और आरोप लगाया कि यह चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नहीं होगा। मुख्य मुकाबला द्रमुक के अन्नियूर शिवा और भाजपा के सहयोगी पीएमके उम्मीदवार सी. अंबुमणि के बीच होगा। द्रमुक के गढ़ विल्लुपुरम जिले की विक्रवंडी सीट पर उपचुनाव मौजूदा द्रमुक विधायक एन.पुघाझेंडी के निधन के बाद सीट खाली हो गई, जो जिले में पार्टी के सीनियर पदाधिकारी भी थे।