डेस्क:अगर आप सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के ग्राहक हैं तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल, एसबीआई ने अपनी कोष की सीमांत लागत आधारित ऋण दर (MCLR) में 0.05 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की है। बैंक की वेबसाइट के अनुसार एक साल की MCLR को 0.05 प्रतिशत बढ़ाकर नौ प्रतिशत कर दिया गया है। बता दें कि एक साल की MCLR दर से ही पर्सनल, ऑटो, होम लोन की दर तय होती है।
3, 6 महीने की MCLR में बढ़ोतरी
एसबीआई ने तीन और छह महीने की MCLR में भी बढ़ोतरी की है। एक दिन, एक महीने, दो साल और तीन साल की अवधि की MCLR को कायम रखा गया है। बैंक के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने कहा कि बैंक का 42 प्रतिशत लोन सेग्मेंट MCLR से जुड़ा है, जबकि शेष बाहरी बेंचमार्क पर आधारित है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि बैंकिंग प्रणाली में जमा दरें अपने उच्चस्तर पर हैं।
बता दें कि बैंक ने हाल ही में दो बार MCLR में बढ़ोतरी की है। वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा लगातार दसवीं बार अपनी नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखने के निर्णय लिया गया है। हालांकि, आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है।
एचडीएफसी बैंक ने भी दिया झटका
हाल ही में प्राइवेट सेक्टर के एचडीएफसी बैंक ने चुनिंदा मैच्योरिटी अवधि के कर्ज पर MCLR को 0.05 प्रतिशत बढ़ाया है। एक साल की अवधि के लिए मानक MCLR दर को 9.45 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। हालांकि, एक दिन के लिए MCLR को 9.10 प्रतिशत से बढ़कर 9.15 प्रतिशत हो गई है, जबकि एक महीने की दर 0.05 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 9.20 प्रतिशत हो गई है। अन्य परिपक्वता अवधि वाले कर्ज के लिए दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। नई दरें सात नवंबर, 2024 से प्रभावी हैं।