डेस्क:आईपीओ को लेकर मर्चेंट बैंकरों और स्टॉक एक्सचेंजों के रुख पर सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि मर्चेंट बैंकरों और स्टॉक एक्सचेंजों को आईपीओ के खुलासे की समीक्षा करने की अधिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए, खासकर एसएमई आईपीओ के मामले में। पांडे ने कहा कि नियामक ने ऐसे मामलों में वृद्धि देखी है, जहां कंपनियों के आईपीओ की तैयारी के दौरान टैक्स विवाद या संशोधन सामने आए हैं। यह स्वाभाविक रूप से फाइलिंग के समय लागू की गई जांच के स्तर पर सवाल उठाता है।
निवेशकों के लिए जरूरी
सेबी चेयरमैन ने कहा- बीते कुछ समय से हम ऐसे कई मामले देख रहे हैं, जहां कंपनियों के आईपीओ के समय टैक्स संशोधन या विवाद सामने आते हैं। मर्चेंट बैंकरों और स्टॉक एक्सचेंजों दोनों को लिस्टिंग से पहले दाखिल किए गए दस्तावेजों की उच्च स्तर की जांच करनी चाहिए। ये जनता और निवेशकों के लिए जरूरी है। उन्होंने निवेशकों को एसएमई आईपीओ में निवेश करते समय सतर्क रहने की भी हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और केवल शॉर्ट टर्म रिटर्न की ओर आकर्षित नहीं होना चाहिए, खासकर जब कई लोगों को गुमराह किया गया है।
विदेशी निवेशकों का पॉजिटिव मूड
सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार को लेकर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का मूड काफी पॉजिट है और उन्हें भारत के ग्रोथ पर पूरा भरोसा है। इसके साथ ही उन्होंने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के मोस्ट अवेटेड आईपीओ पर भी जानकारी दी है।
कब तक होगा लॉन्च
सेबी के प्रमुख तुहिन पांडेय ने कहा है कि यह आईपीओ नियामकीय समीक्षा के अंतर्गत है। एनएसई और सेबी के बीच कुछ मुद्दों को सुलझाने के लिए चर्चा जारी है। सेबी की चिंताओं में प्रमुख प्रबंधन कर्मियों को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति, प्रौद्योगिकी और समाशोधन निगम में बहुलांश स्वामित्व आदि मुद्दे शामिल हैं। आईपीओ के लिए संभावित समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर पांडेय ने कहा- मैं इस समय केवल इतना कह सकता हूं कि कुछ मुद्दे हैं, जिन पर एनएसई और सेबी के बीच चर्चा जारी है। हम इसे स्पष्ट करने के इरादे से आगे बढ़ रहे हैं। हम इन मुद्दों को सुलझाने का प्रयास करेंगे।
एनएसई ने फिर किया है आवेदन
बता दें कि अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के लिए सेबी में आवेदन कर एनएसई ने अपनी सूचीबद्ध होने की प्रक्रिया को फिर से शुरू किया है। एनएसई ने अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए आवदेन दाखिल कर दिया है, लेकिन आईपीओ कब आएगा इसकी समय-सीमा को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। एनएसई का वैल्यूएशन करीब 4.7 लाख करोड़ रुपये है।
एनएसई की आईपीओ लाने की योजना पिछले आठ वर्ष से अटकी हुई है। शेयर बाजार ने सबसे पहले 2016 में आईपीओ लाने के लिए दस्तावेज दाखिल किए थे। इसके जरिये मौजूदा शेयरधारकों की 22 प्रतिशत शेयर बेचकर बिक्री पेशकश के माध्यम से 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना थी।
हालांकि, कंपनी संचालन और को-लोकेशन मामले से जुड़ी नियामक चिंताओं के कारण सेबी ने मंजूरी नहीं दी थी। तब से एनएसई ने मंजूरी के लिए कई बार सेबी का रुख किया है। सेबी ने एनएसई के आईपीओ पर विचार करने के लिए एक आंतरिक समिति के गठन की मार्च में घोषणा की थी और बाजार नियामक ने एनएसई से सभी मुद्दों को हल करने के लिए कहा था।