नई दिल्ली। दिल्ली में फर्जी डीआरआई इंस्पेक्टर बनकर कूरियर कारोबारी को बंधक बना कुकर्म करने और जेल भेजने की धमकी देकर ढाई लाख रुपये वसूलने का मामला सामने आया है। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर कुकर्म, अवैध वसूली, अपहरण और बंधक बनाने की धारा में केस दर्ज कर चार आरोपियों को दबोच लिया है।
आरोपियों में पीड़ित का पूर्व पार्टनर भी शामिल है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़ित सुरेश झा (परिवर्तित नाम) पहले कोलकाता की कूरियर कंपनी के ओखला स्थित ऑफिस में 2022 में काम करता था, लेकिन तीन महीने बाद ही उसने नौकरी छोड़ दी थी। इसके बाद उसने जनकपुरी में खुद का ऑफिस खोल दिया था। उसने अपने पूर्व सहकर्मी प्रशांत को पहले नौकरी पर रखा और फिर पार्टनर बना दिया, लेकिन प्रशांत से झगड़ा होने पर दोनों अलग हो गए।
गिरफ्तारी की धमकी देकर बुलाया : पीड़ित ने बताया कि फरवरी में उसके फोन पर एक शख्स ने कॉल की। आरोपी ने खुद को डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) का इंस्पेक्टर तुषार सक्सेना बताया। वह प्रशांत के साथ मामला सुलझाने और 50 हजार रुपये नहीं देने पर उसे गिरफ्तार करने की धमकी देने लगा। 18 फरवरी को तुषार ने उसे 20 हजार रुपये लेकर प्रशांत के साथ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास बुलाया। जब वह पहुंचा तो वहां पर तुषार के साथ बाबूराव और अभिजीत मिले।
होटल में दो दिन तक बंधक बनाकर रखा
पीड़ित ने बताया कि बाबू राव और अभिजीत ने भी खुद को डीआरआई अधिकारी बताते हुए पहचान पत्र भी दिखाया। रुपये लेने के बाद उन्होंने उसे कार में बैठा लिया और पश्चिमी यूपी ले गए। 20 फरवरी को वापस लौटे। इसके बाद पहाड़गंज स्थित होटल के एक कमरे में उसे दो दिन तक बंधक बनाकर रखा। उसके साथ मारपीट की और कुकर्म कर वीडियो बनाया। बदमाशों ने पीड़ित से 2.30 लाख रुपये लिए और 22 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया। पीड़ित ने 24 फरवरी को पुलिस को फोन कर घटना की सूचना दी थी।
टीम ने चार आरोपी दबोचे : इसके बाद डीसीपी एम. हर्षवर्धन के निर्देश पर एसएचओ पहाड़गंज राजीव राणा और एसआई गुरीश बलियान की टीम ने जांच शुरू की। पुलिस ने होटल की सीसीटीवी कैमरे की फुटेज और टेक्निकल सर्विलांस के जरिये तुषार, अभिजीत, प्रशांत और बाबू राव को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि डीआरआई के बारे में लोगों को जानकारी नहीं थी, इसलिए इस नाम का इस्तेमाल कर रहे थे।