फाल्गुन अमावस्या का महत्व
हिंदू धर्म में फाल्गुन अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है। यह तिथि पितरों को समर्पित होती है और इस दिन किए गए स्नान, दान और पूजा-पाठ से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। वर्ष 2025 में फाल्गुन अमावस्या गुरुवार, 27 फरवरी को है। इस दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन में शांति और सकारात्मकता आती है।
फाल्गुन अमावस्या 2025: तिथि और मुहूर्त
- अमावस्या तिथि प्रारंभ: 27 फरवरी 2025, सुबह 08:54 बजे
- अमावस्या तिथि समाप्त: 28 फरवरी 2025, सुबह 06:14 बजे
- स्नान-दान का शुभ मुहूर्त:
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:08 से 05:58 बजे तक
- शुभ चौघड़िया मुहूर्त: सुबह 06:48 से 08:15 बजे तक
- शिव योग: रात 11:41 बजे तक
फाल्गुन अमावस्या पर पूजा-विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान कर मंदिर की सफाई करें।
- भगवान गणेश को प्रणाम कर पूजा प्रारंभ करें।
- भगवान विष्णु का पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक करें।
- विष्णु जी को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें।
- दीप जलाकर मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें।
- श्री विष्णु चालीसा और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
- पूरे श्रद्धा भाव से भगवान विष्णु की आरती करें।
- तुलसी दल सहित भगवान को भोग अर्पित करें।
- अंत में अपने पापों की क्षमा प्रार्थना करें।
फाल्गुन अमावस्या का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
- पितृ दोष निवारण: इस दिन दान और पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष के दुष्प्रभाव कम होते हैं।
- स्नान का महत्व: गंगा, यमुना, नर्मदा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
- दान करने का लाभ: इस दिन जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और दक्षिणा दान करने से समृद्धि आती है।
- पशु-पक्षियों को भोजन कराएं: गाय, कुत्ते और कौवे को भोजन कराने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं।
फाल्गुन अमावस्या के दिन किए गए पुण्य कार्यों से व्यक्ति के जीवन में शुभता और सकारात्मकता आती है। इसलिए इस दिन विधिपूर्वक पूजा-पाठ और दान करने का संकल्प लें।