व्यस्त दिनचर्या, बिगड़ा खानपान और निष्क्रिय जीवनशैली – आज की अधिकांश बीमारियों की जड़ बन चुके हैं। खुद को फिट रखने की चाह में लोग डाइटिंग, योग, जिम जैसी कई विधियाँ अपनाते हैं, लेकिन समय की तंगी के कारण ये प्रयास अक्सर स्थायित्व नहीं ले पाते। इसका परिणाम होता है – गैस, एसिडिटी और मोटापे जैसी समस्याएँ।
ऐसे में एक सरल, प्रभावी और समयसाध्य उपाय के रूप में वॉकिंग यानी टहलना उभर कर सामने आता है। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक नई वेलनेस प्रवृत्ति विशेष चर्चा में है – ‘फार्ट वॉक’। चिकित्सा विशेषज्ञ भी इस अनोखी टहल को स्वास्थ्य के लिए लाभकारी मान रहे हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि आख़िर क्या है ये ‘फार्ट वॉक’, इसकी शुरुआत किसने की और इससे हमें सेहत के क्या-क्या लाभ मिल सकते हैं।
‘फार्ट वॉक’ की शुरुआत किसने की?
‘फार्ट वॉक’ शब्द को लोकप्रिय बनाने का श्रेय 70 वर्षीय कनाडाई लेखिका और आंत-स्वास्थ्य की पैरोकार मैरलिन स्मिथ को जाता है। मैरलिन और उनके पति ने लगभग एक दशक पहले रात के भोजन के बाद टहलने की आदत डाली थी, ताकि गैस की समस्या से राहत मिले और पाचन बेहतर हो।
मैरलिन बताती हैं कि फाइबर से भरपूर भोजन करने के बाद पेट अक्सर फूला हुआ महसूस होता था, जिससे राहत पाने के लिए उन्होंने खाने के बाद टहलना शुरू किया। यहीं से ‘फार्ट वॉक’ शब्द का जन्म हुआ – हल्की सैर जो पाचन और आंतों के स्वास्थ्य को केंद्र में रखती है।
क्या है ‘फार्ट वॉक’?
‘फार्ट वॉक’ दरअसल भोजन के बाद की गई एक धीमी, सहज सैर है। इसका उद्देश्य सिर्फ टहलना नहीं, बल्कि पाचन में सहायता करना और शरीर को हल्का महसूस कराना भी है। यह सैर न केवल गैस और ब्लोटिंग जैसी समस्याओं से राहत देती है, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य को लाभ भी पहुँचाती है।
‘फार्ट वॉक’ के प्रमुख लाभ
1. बेहतर पाचन:
खाने के बाद की 10-15 मिनट की सैर पाचन तंत्र को सक्रिय करती है, जिससे भोजन आंतों में सरलता से आगे बढ़ता है। इसके कारण गैस और अपच जैसी समस्याएँ कम होती हैं।
2. ब्लड शुगर नियंत्रण:
भोजन के बाद हल्की सैर ग्लूकोज के स्तर को स्थिर रखने में मदद करती है। इससे टाइप 2 डायबिटीज़ का जोखिम घटता है और मांसपेशियाँ ग्लूकोज का बेहतर उपयोग कर पाती हैं। अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के अनुसार, 30 मिनट की सैर डायबिटीज़ से बचाव में सहायक है।
3. गैस और ब्लोटिंग से राहत:
डिनर के बाद टहलने से आंतों में फंसी हवा बाहर निकलती है, जिससे पेट की सूजन और बेचैनी घटती है। यह आदत खासतौर पर फाइबर युक्त भोजन करने वालों के लिए अत्यंत लाभकारी है।
4. वजन नियंत्रण:
खाने के तुरंत बाद की सैर शरीर में अतिरिक्त कैलोरी को बर्न करने में मदद करती है। एक जापानी अध्ययन के अनुसार, यह आदत वजन कम करने में कारगर सिद्ध हो सकती है।
5. हृदय स्वास्थ्य में सुधार:
नियमित टहलने से दिल की धड़कन नियंत्रित होती है और रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में सहायता मिलती है।
निष्कर्ष:
तेजी से भागती ज़िंदगी में यदि आप सेहत का ख्याल रखना चाहते हैं, तो ‘फार्ट वॉक’ जैसे छोटे लेकिन असरदार कदम आपकी दिनचर्या में संतुलन ला सकते हैं। यह आदत न केवल शरीर को स्वस्थ रखती है, बल्कि पेट और मन दोनों को हल्का कर देती है।