आजकल बहुत से लोग आयरन की कमी से जूझ रहे हैं। आयरन की गोलियां खाई जाती हैं, आयरन रिच फूड्स का सेवन होता है, लेकिन बावजूद इसके जब शरीर में आयरन का स्तर नहीं बढ़ता — तो यह एक बड़ी चेतावनी है। इसका सीधा संबंध फेरेटिन और लिवर से है।
आइए जानते हैं कि बार-बार आयरन की कमी का असली कारण क्या हो सकता है और इसे किस तरह सुधारा जा सकता है।
फेरेटिन क्या है और इसका आयरन से क्या संबंध है?
फेरेटिन एक प्रकार का प्रोटीन है जो शरीर में आयरन को स्टोर करने का काम करता है। जब फेरेटिन कम होता है, तो शरीर में आयरन की उपलब्धता भी घट जाती है, भले ही आप आयरन सप्लीमेंट या आयरन युक्त भोजन ले रहे हों। इसका सीधा संबंध शरीर की अवशोषण क्षमता और खासतौर पर लिवर की सेहत से होता है।
लो फेरेटिन के मुख्य कारण
1. कमजोर पाचन तंत्र
अगर डाइजेशन ठीक से नहीं हो रहा, तो आयरन का अवशोषण प्रभावित होता है। शरीर में जरूरी पोषक तत्वों का पचाव और उपयोग डाइजेस्टिव सिस्टम पर निर्भर करता है।
2. लिवर की गड़बड़ी
लिवर यदि फैटी हो गया है, सूजन में है या कमजोर हो चुका है तो वह आयरन को ठीक से प्रोसेस नहीं कर पाता। लिवर खराब होने से मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ता है और फेरेटिन घटने लगता है।
3. क्रॉनिक इंफ्लेमेशन या इंफेक्शन
शरीर में अगर लंबे समय से सूजन या संक्रमण है, तो यह आयरन मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है और फेरेटिन कम हो सकता है।
4. अत्यधिक रक्तस्राव
महिलाओं में हैवी पीरियड्स, आंतों में अल्सर या बवासीर से बार-बार खून का बहना आयरन की कमी का बड़ा कारण हो सकता है।
5. एंटासिड और गलत खानपान
एसिडिटी से राहत के लिए ली गई दवाएं (एंटासिड), चाय-कॉफी का अत्यधिक सेवन और डेयरी प्रोडक्ट्स का गलत समय पर सेवन आयरन के अवशोषण को रोकते हैं।
आयरन अवशोषण बढ़ाने के उपाय
यदि शरीर आयरन को ठीक से अब्जॉर्ब नहीं कर रहा, तो लिवर और डाइजेशन दोनों को दुरुस्त करना जरूरी है:
- सुबह गुनगुना अदरक पानी पिएं
- गर्म जीरे का पानी दिन में लें
- ठंडी व कच्ची चीजें खाने से बचें
- भोजन के तुरंत पहले या बाद में दूध-दही न लें
- खाना धीरे-धीरे, अच्छी तरह चबाकर खाएं
इन आदतों से बचें
- भोजन के साथ चाय या कॉफी बिल्कुल न लें
- दूध या दही के साथ आयरन युक्त चीजें न खाएं
- शुगर, शराब और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं
- बहुत ज्यादा एक्सरसाइज या शरीर को थकाने वाले काम न करें
निष्कर्ष:
अगर आप आयरन की गोलियां खा रहे हैं, लेकिन फिर भी कमजोरी, थकान और सांस फूलने जैसी समस्याएं बनी हुई हैं, तो जरूरी है कि आप सिर्फ आयरन पर नहीं, अपने लिवर और डाइजेशन पर ध्यान दें। फेरेटिन के स्तर को संतुलित रखना, लिवर की देखभाल और सही खानपान ही आयरन की कमी से स्थायी राहत दिला सकता है।