नई दिल्ली:यूरोप की अपनी आधिकारिक यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब फ्रांस की राजधानी पेरिस पहुंचे हैं। इस दौरान उनकी मुलाकात फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से हुई। जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी गाड़ी से उतरे राष्ट्रपति मैक्रों ने उन्हें गले लगाया। दोनों काफी देर तक एक दूसरे का अभिवादन करते रहे। इस दौरान राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की पत्नी भी वहां मौजूद रहीं। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच में एक बैठक भी हुई। सूत्रों की मानें तो बैठक में दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को लेकर भी चर्चा हुई।
दरअसल, जर्मनी और डेनमार्क की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस पहुंचे हैं। फ्रांस पहुंचते ही पीएम मोदी ने ट्वीट कर बताया कि पैरिस में लैंड कर गया हूं। फ्रांस हमेशा से भारत का एक मजबूत साझेदार रहा है। कई क्षेत्रों में उनका हमारे साथ सहयोग रहता है।
पीएम मोदी और मैक्रों अपनी बैठक के दौरान यूक्रेन संकट के वैश्विक आर्थिक परिणामों को कम करने के साथ युद्धग्रस्त देश यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के उपायों पर चर्चा कर सकते हैं। दूसरी बार चुनाव जीत राष्ट्रपति बने मैक्रों से उनकी इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। राष्ट्रपति चुनाव के कुछ दिन बाद ही प्रधानमंत्री मोदी का इमैनुअल मैक्रों से मुलाकात करना बड़ा संकेत है।
इससे पहले पीएम मोदी ने फिनलैंड की अपनी यात्रा में पीएम मरीन सना से मुलाकात की थी। मुलाकात में व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई और दोनों देशों के रिश्तों को और ज्यादा मजबूत करने पर जोर रहा। इसके अलावा पीएम मोदी ने दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लिया।
भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भी यूक्रेन का मुद्दा
यूक्रेन का मुद्दा बुधवार को कोपेनहेगन में दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भी प्रमुखता से उठा जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और फिनलैंड, आइसलैंड, स्वीडन, नॉर्वे और डेनमार्क के उनके समकक्षों ने भाग लिया। पीएम मोदी ने कहा है कि भारत का मानना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में कोई भी देश विजयी नहीं होगा क्योंकि सभी को नुकसान होगा और विकासशील और गरीब देशों पर इसका ‘अधिक गंभीर’ प्रभाव पड़ेगा।
राजनयिक सूत्रों ने कहा कि मैक्रों की चुनावी जीत के कुछ दिनों बाद उनसे मोदी की मुलाकात बेहद प्रतीकात्मक है। उन्होंने कहा कि यह मुलाकात एक शक्तिशाली संकेत देती है कि दोनों नेता आने वाले वर्षों के लिए भारत-फ्रांस साझेदारी को अपनी विदेश नीति का मार्गदर्शक सिद्धांत बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत समझ के स्तर का भी प्रदर्शित करती है, जो सहयोग के सभी क्षेत्रों में हमारे संयुक्त कार्यों को गति देता है।
पिछले हफ्ते दोबारा राष्ट्रपति चुने गए मैक्रों
पिछले हफ्ते मैक्रों के दोबारा फ्रांस का राष्ट्रपति चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के उन पहले कुछ नेताओं में शामिल होंगे, जो राष्ट्रपति मैक्रों से मुलाकात करेंगे। उन्होंने मैक्रों को फिर से चुने जाने के बाद बधाई दी थी। फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने मार्च 2018 में भारत का दौरा किया। दोनों नेताओं ने अक्टूबर 2021 में जी20 रोम शिखर सम्मेलन, जून 2019 में जी20 ओसाका शिखर सम्मेलन और दिसंबर 2018 में जी20 ब्यूनस आयर्स शिखर सम्मेलन के मौके पर मुलाकात की थी।
1998 से रणनीतिक साझेदार हैं
भारत और फ्रांस 1998 से रणनीतिक साझेदार हैं। दोनों देशों के बीच रक्षा, असैन्य परमाणु, अर्थव्यवस्था, अंतरिक्ष और समुद्री सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण, आतंकवाद का मुकाबला, लोगों के बीच संबंधों के क्षेत्र में बहुआयामी साझेदारी है। भारत और फ्रांस नवंबर 2015 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सीओपी21 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के संस्थापक सदस्य हैं।