वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई 2024 को बजट पेश करने जा रही हैं। इस बजट से आम लोगों के साथ-साथ इंडस्ट्री को काफी उम्मीदें हैं। नौकरीपेशा वर्ग इस बजट में इनकम टैक्स में कुछ राहत दिए जाने की उम्मीद लगाए बैठा है। निर्मला सीतारमण सातवीं बार बजट पेश करने जा रही हैं। अतीत के कई ऐसे बजट हैं जिन्हें रोचक नाम से जाना जाता है। ऐसा ही एक बजट अस्सी के दशक का था।
बजट का नाम Carrot & Stick Budget
दरअसल, 28 फरवरी 1986 को वीपी सिंह ने कांग्रेस सरकार के लिए केंद्रीय बजट पेश किया था। यह बजट लाइसेंस राज को खत्म करने की दिशा में एक ठोस कदम था। इसे ‘कैरेट एंड स्टिक’ बजट कहा गया। यह एक तरह का मुहावरा है, जिसमें कैरेट यानी गाजर को मिठास या ईनाम के तौर पर माना जाता है। वहीं, स्टिक यानी छड़ी को दंड के तौर पर जाना जाता है। कहने का मतलब है कि इस बजट का दृष्टिकोण इनाम और दंड पर आधारित था।
MODVAT की शुरुआत
इस बजट ने टैक्स के व्यापक प्रभाव को कम करने के लिए MODVAT (संशोधित मूल्य वर्धित कर) क्रेडिट की शुरुआत की, जिसका भुगतान उपभोक्ताओं को करना पड़ता था। वहीं, तस्करों, कालाबाजारी करने वालों और टैक्स चोरों पर नकेल कसने की भी शुरुआत हुई। इसके खिलाफ एक गहन अभियान भी चलाया गया। वीपी सिंह ने बजट पेश करते हुए तस्करों या टैक्स चोरों पर कहा था- इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं हो सकता और न ही होगा। देश के विश्वास का दुरुपयोग करने वालों से सख्ती से और कानून की पूरी ताकत से निपटा जाना चाहिए।
बता दें कि वीपी सिंह राजीव गांधी की सरकार के वित्त मंत्री थे। ‘कैरेट एंड स्टिक’ बजट के बाद देश में एक बड़ा बदलाव आया और तब गोल्ड स्मग्लिंग में ऐतिहासिक गिरावट आई। प्रवर्तन निदेशालय जैसी एजेंसियों की शक्तियां बढ़ाई गईं। हालांकि, बाद में वीपी सिंह को अपने पद से हटना पड़ा था।