डेस्क:राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले में मंगलवार को गांधी परिवार का जोरदार समर्थन करते हुए कहा कि इससे किसी को कोई व्यक्तिगत लाभ नहीं हुआ। गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह जांच एजेंसियों का दबाव बनाकर गांधी-नेहरू परिवार को निशाना बना रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने यह बात शिमला में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कही, उन्होंने कहा ‘नेशनल हेराल्ड’ की सभी संपत्तियां एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के नियंत्रण में हैं और यंग इंडिया (YI) नाम के एक गैर-लाभकारी संगठन के माध्यम से इसकी देनदारियों को चुकाने का प्रयास किया जा रहा है।
गहलोत ने कहा कि देश गलत दिशा में जा रहा है, विपक्षी नेताओं के साथ ‘दुश्मनों’ जैसा व्यवहार किया जा रहा है और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर विभाग व केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर उन्हें (विपक्षी नेताओं को) निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नौ साल पुराने ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले को अब बदला लेने के लिए उठाया जा रहा है।
गहलोत ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी को खत्म करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ की बात कर रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस देश की ‘विरासत’ है और इस सच्चाई को नकारा नहीं जा सकता।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि गांधी परिवार ने मोतीलाल नेहरू और जवाहरलाल नेहरू के समय से लेकर आज तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन पार्टी के सदस्यों को विशेष रूप से निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 35 वर्ष में गांधी परिवार के किसी भी सदस्य ने सरकार में कोई पद नहीं संभाला है।
गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री पद की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया और मनमोहन सिंह को इस प्रतिष्ठित पद पर नियुक्त किया। उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कथित अनियमितताओं पर चिंता व्यक्त की और आरोप लगाया कि विपक्ष, खासकर राहुल गांधी की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस नेता ने यह भी दावा किया कि चुनावी बॉण्ड की शुरूआत से चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को नुकसान पहुंचा है।