जयपुर:राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- बचपन से ही मैं अंग्रेजी के खिलाफ था। स्कूल टाइम पर सोचते थे कि अंग्रेजी और संस्कृत हमारे क्या काम आएगी और चप्पल खाते थे। उस वक्त दक्षिण के अलावा सभी हिंदी राज्यों में अंग्रेजी का विरोध था।
पिछले 40 सालों मैं समझ गया हूं की अंग्रेजी इंटरनेशनल भाषा है। इसीलिए हिंदी के साथ इंग्लिश सीखना भी जरूरी है। इसी सोच के साथ हमने राजस्थान के गांव-गांव में इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले हैं। इन स्कूलों में पढ़कर अब गांव ढाणी के बच्चे भी फ्लूएंट इंग्लिश बोल रहे हैं।
राजस्थान यूनिवर्सिटी पहुंचे सीएम
मुख्यमंत्री गहलोत बुधवार को राजस्थान यूनिवर्सिटी पहुंचे। यहां डिजिटल लाइब्रेरी, तीरंदाजी ग्राउंड और भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने तीरंदाजी में हाथ आजमाया। उनका पहला निशाना चूक गया था। पर दूसरा निशाना ठीक रहा। मुख्यमंत्री ने कहा- राजस्थान यूनिवर्सिटी में अच्छा तीरंदाजी ग्राउंड बन गया है। आज बच्चों ने मुझसे भी प्रैक्टिस करवाई। इस दौरान राजस्थान यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट निर्मल चौधरी को बधाई देते हुए CM ने कहा- मैंने अपने जीवन के शुरुआती 3 चुनाव में हार देखी थी। आपको तो पहले ही चुनाव में जीत मिली है।
निर्मल लकी, मैं तो 3 बार हारा
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा- निर्मल चौधरी लकी हैं। वह छात्रसंघ चुनाव में कामयाब हुए। मेरी कहानी अलग है। मैंने 8th क्लास में पहला चुनाव लड़ा था। इसमें 4 वोट से मुझे हार मिली। इसके बाद यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा। इसमें मुझे लगभग 400 वोट से हार मिली। इसके बाद तीसरा चुनाव मैंने विधायक बनने के लिए लड़ा। मैं 4 हजार वोटों से हार गया।
शुरुआती जीवन में लगातार मुझे तीन बार हार का सामना करना पड़ा। उसके बाद 1980 में MP (लोकसभा सांसद) बना और तब से आज तक मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा है। इसके बाद केंद्रीय मंत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, AICC का महासचिव और तीन बार राजस्थान का मुख्यमंत्री बन चुका हूं। निर्मल चौधरी पता नहीं क्या सपने देखे? क्या बनेगा?
इन्वेस्टमेंट राजस्थान के आधे MOU पूरे हो जाए तो बड़ी बात
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- पिछले दिनों राजस्थान में इन्वेस्टमेंट राजस्थान सबमिट का आयोजन किया गया। इसमें 11 लाख करोड़ रुपए के MOU हुए हैं। इसके तहत 10 लाख लोगों तक रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें से आधे MOU भी पूरे हो जाएं तो बड़ी बात है। इन्वेस्टमेंट सबमिट अब देश के हर राज्य में आयोजित होती है। तमाम राज्यों में सिर्फ 30 से 40% MOU ही पूरे हो पाते हैं। ऐसे में हमारा लक्ष्य है कि राजस्थान में कम से कम 50% MOU तो पूरे हों ही।
पेपर लीक करने वालों को नहीं छोड़ेंगे
अशोक गहलोत ने कहा- राजस्थान में पिछले दिनों वनरक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ था। हमने कुछ ही घंटों में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। राजस्थान देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां पेपर लीक करने वालों को भी जेल भेजा जा रहा है। इससे पहले आर्मी, कोर्ट और दूसरी भर्तियों के पेपर भी आउट हो गए हैं। देशभर में पेपर लीक की गैंग बनी हुई है। राजस्थान में किसी को नहीं बख्शेंगे। सबको जेल भेज देंगे।
नॉलेज ही पावर है
सीएम गहलोत ने कहा- आज दुनिया पूरी तरह बदल गई है। नॉलेज ही पावर है। पिछले कुछ सालों में हर हाथ में मोबाइल आ गया है। इससे हर इंसान की मुट्ठी में नॉलेज है। दुनिया में मोबाइल क्रांति चल रही है। ऐसा भी नहीं होना चाहिए कि 5 दोस्त बैठे हैं। सभी आपस में बात करने की जगह मोबाइल में ही लगे हुए हैं।
उद्घाटन का इंतजार मत करो
गहलोत ने कहा- इससे पहले जब मैं यूनिवर्सिटी आया था, तब बीसलपुर का पानी यूनिवर्सिटी में लाने की मांग की गई थी। यह प्रोजेक्ट अब पूरा हो गया है। इसके उद्घाटन का इंतजार मत करिए। VC साहब और बच्चों को पानी पिलाइए। उद्घाटन के लिए पानी को मत रोको। जो सुविधा मिली है, उसे जल्द शुरू करो।
निर्मल बोले – OBC आरक्षण विसंगति दूर करें
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी ने कहा- राजस्थान में ओबीसी आरक्षण विसंगति का जल्द से जल्द समाधान किया जाना चाहिए। ताकि प्रदेशभर के लाखों युवाओं को राहत मिल सके। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री से हर साल बढ़ने वाली यूनिवर्सिटी की फीस में भी राहत देने की मांग की।
4 शिक्षा मंत्री और 5 कुलपति बदले
राजस्थान यूनिवर्सिटी में बनकर तैयार हुई लाइब्रेरी का 7 जुलाई 2016 को भाजपा सरकार में तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ और कुलपति जेपी सिंघल ने शिलान्यास किया था। लाइब्रेरी भवन का काम शुरू होने के बाद कालीचरण सराफ, किरण माहेश्वरी, भंवर सिंह भाटी के बाद अब राजेंद्र यादव चौथे उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में काम कर रहे हैं।
वहीं, यूनिवर्सिटी में जेपी सिंघल, राजेश्वर सिंह, प्रो. आरके कोठारी, प्रो. जेपी यादव के बाद प्रो. राजीव जैन पांचवें कुलपति के रूप में काम कर रहे हैं। ऐसे में 6 साल के लम्बे इंतजार के बाद स्टूडेंट्स जयपुर की सबसे अत्याधुनिक लाइब्रेरी में बैठ पढ़ाई करेंगे।
गहलोत के निशाना चूकने और तीर निशाने पर लगने के सियासी मायने
सीएम अशोक गहलोत ने आज आरयू में तीरंदाजी ग्राउंड में तीर चलाकर निशाना लगाने की प्रेक्टिस की। गहलोत पहला निशाना चूक गए, लेकिन दूसरा तीर निशाने पर लगा। सियासी हलकों में गहलोत के तीर निशाने पर लगाने की खूब चर्चा हो रही है। मौजूदा सियासी घटनाक्रम से जोड़कर गहलोत के तीर चूकने और निशाने पर लगाने के मायनों पर चर्चा हो रही है। कांग्रेस में सचिन पायलट और अशोक गहलोत खेमों की खींचतान के बीच कई मोर्चे खुले हुए हैं।
गहलोत के तीर निशाने से चूकने को पिछले 25 सितंबर की घटना के बाद उनके हाथ से कांग्रेस अध्यक्ष का पद जाने से जोड़कर देखा जा रहा है। इन सबके बावजूद गहलोत मुख्यमंत्री का पद बचाकर रखने में कामयाब रहे, इसे तीर निशाने पर लगने से जोड़ा जा रहा है। गहलोत ने ग्रामीण ओलिंपिक खेलों के दौरान निंबाहेड़ा में एक कबड्डी के मैच के दौरान रेफरी का रोल किया था, जिसमें कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा आउट हो गए थे। कबड्डी मैच के बाद अब गहलोत के तीर निशाने पर लगने की चर्चा है।