बाड़मेर:राजस्थान में कांग्रेस-भाजपा के नेताओं में जुबानी जंग का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर मंत्री शाले मोहम्मद ने पलटवार किया है। राजस्थान में कांग्रेस-भाजपा के नेताओं में जुबानी जंग का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर मंत्री शाले मोहम्मद ने पलटवार किया है। शाले मोहम्मद ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री शेखावत को कोई भी ऐसा वादा नहीं करना चाहिए, जिसे पूरा नहीं कर सकें। शेखावत पर निशाना साधते हुए शाले मोहम्मद ने कहा कि जब केंद्र में आपकी कोई सुनता नहीं सुनता जनता से झूठे वादे करो। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत अपनी विफलता छिपाने के लिए अधिकारियों को धमका रहे हैं। गौरतलब है कि ईस्टन राजस्थान केनाल प्रोजेक्ट (ERCP) पर गहलोत और शेखावत में पिछले कई दिनों से जुबानी जंग जारी हैं।
शाले मोहम्मद ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि शेखावत को केंद्र में मंत्री बने हुए दो साल हो गए हैं, इतने लंबे समय बाद वो क्षेत्र में आ रहे है। शेखावत को अपने वादे भी याद नहीं है, जो उन्होनें चुनावों में किए थे। सीएम गहलोत ने पीएम मोदी के भाषण का हवाला देकर सिर्फ ईआरसीपी पर वादा याद दिलाया था। शाले मोहम्मद ने कहा कि गहलोत साहब ने क्या गलत कहा। अगर राजस्थान से कोई मंत्री है, तो उससे उम्मीद होगी कि राजस्थान के लिए काम करेगा, शेखावत से भी यहां की जनता को उम्मीदें है, लेकिन उन्होनें कोई काम नहीं किया। मुख्यमंत्री ने भी तो यही कहा था कि जब वो केन्द्र की अपनी सरकार से अपने इलाके लिए काम नहीं करवा सकते, तो काहे के मंत्री और इसमें गलत भी क्या है। उन्होनें कहा कि मैं इस इलाके से मंत्री हूं, लेकिन कोई काम नहीं कर सकती तो मंत्री पद किस काम का।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में जैसलमेर दौरे पर आए केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने भी गहलोत पर जुबानी हमला बोला था। पत्रकारों से बातचीत में शेखावत ने कहा कि गहलोत अपनी सरकार की नाकामी छिपाने के लिए ओछी राजनीति कर रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री ने कहा था कि केंद्र सरकार ने उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी है। उसे वे पूरी ईमानदारी के साथ निभा रहे हैं। साथ ही इस बात के लिए प्रयासरत हैं कि देश के साथ ही राज्य में भी कभी पानी का संकट न आए। गहलोत सरकार पर जलसंकट खड़ा करने का आरोप लगाते हुए शेखावत ने कहा था कि गहलोत सरकार नियमों का पालन न करके देश और प्रदेशों में एक नया जलसंकट खड़ा करना चाहती है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।