जयपुर:राजस्थान की गहलोत सरकार विधायकों और पूर्व विधायकों की विदेश यात्रा का एक लाख रुपये तक का खर्च उठाएगी। हालांकि, सरकार ने इसके लिए शर्त भी लगाई है। विदेश यात्रा के लिए विधानसभा अध्यक्ष से अनुमोदन होना जरूरी है। इसे लेकर संबंधित संशोधन का कैबिनेट ने सर्कुलेशन के जरिए अनुमोदन कर दिया है। अब विधानसभा की कार्यवाही में संशोधन अनुमोदन हो सकता है। राजस्थान में 19 सितंबर से विधानसभा सत्र शुरू होने जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में विधायकों को प्रति माह वेतन और निर्वाचन क्षेत्र भत्ते के रूप में एक लाख दस हजार रुपए मिल रहे हैं। यदि सभी तरह के भत्तों को जोड़ दिया जाए, तो वर्तमान में राजस्थान में विधायकों को करीब 2 लाख 37 हजार 500 रुपए प्रतिमाह दिए जा रहे हैं। प्रदेश में 2019 में आखिरी बार विधायकों का वेतन बढ़ाया गया था, जिसका सदन में किसी ने विरोध नहीं किया था। 2019 में विधायकों का वेतन 25 हजार रुपए से बढ़ाकर 40 हजार रुपए कर दिया था। निर्वाचन क्षेत्र भत्ता भी बढ़ाया गया था। पहले विधायकों को निर्वाचन क्षेत्र भत्ते के रूप में 50 हजार रुपए मिल रहे थे, जिसे बढ़ाकर 70 हजार रुपए कर दिया गया था। इसके अलावा विधायकों को वर्तमान में किराया भत्ता के रूप में भी प्रतिमाह पचास हजार रुपए मिल रहे हैं।
आपकों बता दें विधायकों को वेतन भत्ते दिए जाने के मामले में राजस्थान कई राज्यों से आगे हैं। हरियाणा, गोवा, पंजाब, झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, कर्नाटक, सिक्किम, केरल, गुजरात, उडि़या, मेघालय जैसे राज्यों के मुकाबले राजस्थान के विधायकों को ज्यादा वेतन-भत्ते मिलते हैं। वहीं तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में विधायकों के वेतन-भत्ते राजस्थान से ज्यादा है।