राजकोट:शनिवार को राजकोट के टीआरपी गेमिंग जोन में लगी भीषण आग वाले मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया। कोर्ट ने इसे मानव निर्मित आपदा बताया। इसे लेकर हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, ‘क्या आप अंधे हो गए हैं। क्या आप सो गए थे।’ दरअसल, इस अग्निकांड में अबतक 27 लोगों की मौत हो गई है। इसमें कई बच्चे भी शामिल हैं।
अब भरोसा नहीं: गुजरात हाईकोर्ट
‘एनडीटीवी’ की रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात हाईकोर्ट को जब यह पता चला कि राजकोट में पिछले दो सालों से दो गेमिंग जोन बगैर जरूरी परमिट के चल रहे थे तब उसने राज्य सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, ‘क्या आप अंधे हो गए हैं? क्या आप सो गए? अब हमें लोकल सिस्टम और राज्य सरकार पर भरोसा नहीं है।’
हाईकोर्ट ने खूब सुनाया
दरअसल, कोर्ट में राजकोट नगर निकाय ने बताया कि गेमिंग जोन के लिए हमारी मंजूरी नहीं ली गई थी। इसपर अदालत ने फटकार लगाते हुए कहा, ‘यह (टीआरपी गेमिंग जोन) ढाई साल से चल रहा है। क्या हम यह मान लें कि आपने आंखें बंद कर ली है?’ वहीं कोर्ट ने कहा कि उसे अब राज्य सरकार पर भरोसा नहीं है।
छह बड़े अधिकारी सस्पेंड
राजकोट अग्निकांड में प्रशासन ने बड़ा ऐक्शन लिया है। तीन अलग-अलग विभाग से कुल छह अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं गेमिंग जोन के अंदर से एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। बताया जा रहा है कि वेल्डिंग के दौरान आग लगने से यह भीषण हादसा हुआ। देखते ही देखते पूरे गेमिंग जोन में आग फैल गई। आग में झुलसने से 27 लोगों की मौत हो गई है। इस मामले में अबतक दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
कोर्ट ने लिया था स्वत: संज्ञान
जिस गेमिंग जोन में शनिवार को आग लगी थी, वह आग सुरक्षा संबंधी अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना संचालित किया जा रहा था। यह बात जानने के बाद कोर्ट ने फटकार लगाई। वहीं पुलिस ने टीआरपी गेमिंग जोन के छह साझेदारों और एक अन्य के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है और दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गुजरात हाईकोर्ट ने ‘गेम जोन’ में आग लगने की घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे प्रथम दृष्टया ‘मानव निर्मित आपदा’ बताया। पीठ ने कहा कि ‘गेम जोन’ में पेट्रोल, फाइबर और फाइबरग्लास शीट जैसी अत्यधिक ज्वलनशील सामग्री को रखा गया था।