डेस्क:कर्नाटक के हावेरी जिले के कडकोल गांव में बुधवार देर रात उस समय तनाव की स्थिति पैदा हो गई जब कथित तौर पर वक्फ संपत्ति को वापस लेने के प्रशासनिक आदेश जारी किया गया। माना जा रहा है कि उक्त संपत्ति पर वहां के लोगों का कब्जा है। सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि लोगों ने एकजुट होकर कुछ व्यक्तियों पर पथराव किया और उन पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनकी संपत्तियों को वक्फ के नाम पर पंजीकृत कराने में मदद की है। इस दौरान कुछ लोग घायल हो गए जिनका अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि वक्फ एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बी जेड जमीर अहमद खान ने तीन सितंबर को एक बैठक की थी, जिसमें हावेरी जिले के अधिकारियों को कथित तौर पर अतिक्रमित वक्फ भूमि को मुक्त कराने के निर्देश दिए गए थे।
सूत्रों ने बताया कि इसके बाद अधिकारियों ने सात सितंबर को एक आदेश जारी किया, जिसपर हावेरी के सावन्नूर तालुका के कडकोल के ग्रामीण भड़क गए और हिंसक हो गए। पुलिस सूत्रों ने बताया कि परिवारों पर हमला करने के आरोप में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इस मामले को लेकर बीजेपी विधायक बासवगौड़ा आर पाटिल ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है और कहा है कि इस तरह के अन्याय को रोकने के लिए वक्फ की संपत्ति का राष्ट्रीयकरण होना जरूरी है। उन्होने पत्र में लिखा, वक्फ कर्नाटक में किसानों, मठों और मंदिरों की जमीन पर दावा कर रहा है। उन्होंने कहा की मौजूदा कानून की वजह से वक्फ के पास ताकत है और वह लोगों की संपत्ति पर भी काबिज होना चाहता है।
कर्नाटक बीजेपी ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि कृषि भूमि सहित हिंदू मंदिरों को वक्फ संपत्तियों के रूप में चिह्नित किया गया है। पार्टी के नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) आर अशोक ने 4 नवंबर को एक महत्वपूर्ण विरोध प्रदर्शन की योजना की घोषणा की, जिसमें किसानों की भूमि और मंदिर संपत्तियों पर कथित अतिक्रमण के लिए वक्फ बोर्ड और राज्य सरकार दोनों को निशाना बनाया जाएगा। शोक ने गुरुवार को मीडिया को संबोधित करते हुए भाजपा की चिंताओं को विस्तार से बताते हुए कहा, “विजयपुरा के बाद, कोलार में मंदिर की संपत्तियों को वक्फ संपत्तियों के रूप में चिह्नित किया जा रहा है। यह किसानों की भूमि और हिंदू मंदिरों दोनों पर स्पष्ट अतिक्रमण है।”