फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है, जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस वर्ष होलिका दहन 13 मार्च की रात में किया जाएगा, जबकि रंगों की होली 14 मार्च को मनाई जाएगी। धार्मिक परंपराओं के अनुसार, इस दिन कुल देवता की पूजा की जाती है और अबीर-गुलाल, मिष्ठान अर्पित किए जाते हैं।
होलिका दहन 2025: शुभ मुहूर्त
इस वर्ष होलिका दहन के लिए केवल एक घंटे का समय मिलेगा क्योंकि पूरे दिन भद्रा काल रहेगा।
- भद्रा समाप्ति: रात 10:44 बजे
- होलिका दहन का समय: 10:44 बजे के बाद
धार्मिक मान्यता है कि होलिका दहन में सभी नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियां जलकर समाप्त हो जाती हैं। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि और आर्थिक उन्नति प्राप्त हो सकती है।
होलिका दहन के दिन किए जाने वाले विशेष उपाय
- नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति:
- अपने ऊपर से सरसों के दाने और काले तिल वारकर होलिका में अर्पित करें।
- इससे नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- धन-समृद्धि के लिए उपाय:
- होलिका दहन के बाद उसकी राख को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें।
- मान्यता है कि इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन की बरकत बनी रहती है।
- गृह दोष और बाधा निवारण:
- घर के मुख्य द्वार के पास दीपक जलाएं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिले।
- आर्थिक संकट से मुक्ति:
- यदि आर्थिक परेशानियां चल रही हैं, तो होलिका दहन में नारियल अर्पित करें।
- इससे जीवन में आने वाली आर्थिक कठिनाइयां कम होती हैं।
- पान के पत्ते का उपाय:
- एक पान का पत्ता लें, उसे घी में डुबोकर उसके ऊपर एक बताशा रखें।
- इसे होलिका में अर्पित करें, इससे भी मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
सावधानी और निष्कर्ष
होलिका दहन एक धार्मिक अनुष्ठान है, जिसे सही विधि से करने पर शुभ फल प्राप्त होते हैं। हालांकि, इन उपायों को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ या ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें।
(यह लेख धार्मिक मान्यताओं और लोक परंपराओं पर आधारित है। इसकी सटीकता का दावा नहीं किया जाता, कृपया किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)