नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव में एकला चलो का फैसला कर चुकी है, लेकिन कांग्रेस अपनी तरफ से तृणमूल कांग्रेस को नाराजगी का कोई मौका नहीं देना चाहती है। पार्टी अब भी तृणमूल कांग्रेस को ‘इंडिया’ गठबंधन का घटकदल मानती है। इसलिए भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समापन पर मुंबई रैली के लिए ममता बनर्जी को आमंत्रित किया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुआई में भारत जोड़ो न्याय यात्रा 16 मार्च को मुंबई में खत्म होगी। इसके अगले दिन पार्टी मुंबई में शिवाजी पार्क में बड़ी रैली की तैयारी कर रही है। इसके जरिये महाविकास अघाड़ी महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार की शुरुआत करेगा। इसके लिए पार्टी ने इंडिया गठबंधन के सभी 26 घटकदलों के नेताओं को आमंत्रित किया है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ममता बनर्जी ने भले ही एकतरफा सभी सीट पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया हो, पर वह अब भी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है। उन्होंने अभी इंडिया छोड़ने की घोषणा नहीं की है। इसलिए गठबंधन के दूसरे घटकदलों की तरह तृणमूल कांग्रेस को भी मुंबई में होने वाली संयुक्त रैली के लिए निमंत्रण भेजा गया है।
गठबंधन को बरकरार रखने की कोशिश
पश्चिम बंगाल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला क्यों किया, इस बारे में वह खुद बेहतर बता सकती है, लेकिन हमने अपनी तरफ से गठबंधन को बरकरार रखने की पूरी कोशिश की थी। इस सबके बावजूद पार्टी भाजपा विरोधी वोट में बंटवारा रोकने की पूरा प्रयास करेगी। तृणमूल कांग्रेस के साथ भविष्य के विकल्प खुले रखने और भाजपा को रोकने के लिए पार्टी सभी सीट के बजाए चुनिंदा सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की मजबूत सीट पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी। ताकि, भाजपा को वोट बंटवारा का फायदा न मिल पाए।
विकल्प भी खुले रहेंगे
इसके साथ पार्टी उन सीट पर चुनाव लड़ेगी, जहां उसकी स्थिति मजबूत है। कांग्रेस करीब एक दर्जन सीट पर चुनाव लड़ सकती है। इसलिए, पार्टी जहां भाजपा को रोकने में सफल रहेगी। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के साथ भविष्य के विकल्प भी खुले रहेंगे। वर्ष 2019 में भाजपा ने 18 और तृणमूल कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि चुनाव के बाद क्या स्थिति बनेगी, इस बारे में कोई नहीं जानता। इसलिए कांग्रेस अपनी तरफ से तृणमूल कांग्रेस को नाराजगी का कोई अवसर नहीं देना चाहती है।