हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव को समर्पित मासिक शिवरात्रि का पावन व्रत किया जाता है। समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले इस व्रत में भगवान शिव की श्रद्धा के साथ उपासना करें। ॐ नमः शिवाय का जाप करते रहें। इस दिन भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा करने से जीवन में आने वाले हर कष्ट, पाप, भय से मुक्ति मिलती है। मासिक शिवरात्रि को भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उत्तम तिथि माना जाता है।
मासिक शिवरात्रि के दिन विधि-विधान से पूजा करने और व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। मासिक शिवरात्रि व्रत में भगवान शिव की पूजा रात्रि में की जाती है। व्रती को सुबह से व्रत रखना चाहिए। निशिता काल में पूजा शुरू करने से पहले स्नानादि कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। शिवलिंग पर गंगा जल, दूध, दही, घी, सिंदूर, चीनी और गुलाब जल आदि अर्पित कर अभिषेक करें। शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा चढ़ाएं तथा धूप दीप जलाकर नैवेद्य अर्पित करें। इस व्रत में शिव चालीसा, शिव पुराण का पाठ करें। इस व्रत में बैल को चारा अवश्य खिलाएं, ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि के दिन एक मुट्ठी चावल भगवान भोलेनाथ को अर्पित करने से घर परिवार में कभी धन धान्य की कमी नहीं रहती है। इस दिन शिव चालीसा का पाठ करने से हर प्रकार का भय दूर हो जाता है। मासिक शिवरात्रि के दिन पीले वस्त्र पहनना शुभ माना जाता हैं। इस दिन शिव परिवार का स्मरण कर उपासना करें। शिव परिवार को पंचामृत से स्नान कराएं।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।