परिवार हर इंसान के जीवन का एक इंपॉर्टेंट पार्ट होता है। किसी भी इंसान का जीवन किस तरह से बीतेगा यह काफी हद तक उसकी फैमिली पर डिपेंड करता है। अगर परिवार खुशहाल है, फैमिली में लोगों के बीच में अंडरस्टैंडिंग अच्छी है, सब एक दूसरे के लिए सपोर्टिव हैं तो बड़ी से बड़ी मुश्किल को भी आसानी से पार करते हुए, आसान जिंदगी जी जा सकती है। लेकिन अगर परिवार में कलह का माहौल है, तो धन- दौलत भरे रहने के बाद भी परिवार का कोई भी सदस्य खुश नहीं रहता है। एक हैप्पी फैमिली में अक्सर कुछ छोटी-छोटी बातें देखने को मिलती हैं, जो उसे खास बनती हैं। ऐसे परिवार के बच्चे भी अपने जीवन में काफी आगे बढ़ते हैं। तो चलिए जानते हैं वो ऐसी कौन सी जरूरी बाते हैं।
जब परिवार के सदस्य साथ में बिताते हैं समय
हैप्पी फैमिली वही होती है जहां परिवार के सदस्य एक दूसरे के साथ समय बिताना पसंद करते हैं। हालांकि आज के बिजी शेड्यूल में, फैमिली के साथ टाइम स्पेंड करना थोड़ा मुश्किल हो गया है लेकिन वो कहते हैं ना- ‘जहां चाह है, वहां राह है’, तो अगर आप अपनी फैमिली को हैप्पी फैमिली बनाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको अपने बिजी शेड्यूल में से थोड़ा समय अपने परिवार के लिए निकालना ही होगा। हैप्पी फैमिली का यही सीक्रेट भी है और यही लक्षण भी है। जब भी टाइम मिले तो उस टाइम को अपनी फैमिली के साथ स्पेंड करें।
शेयरिंग से बनती है बात
जिस घर में बच्चे और बड़े, बिना किसी झिझक के खुलकर अपनी बात एक दूसरे के सामने रख पाते हैं, ऐसी फैमिली आमतौर पर खुशहाल होती है। ऐसे परिवार में पले बच्चे भी सेल्फ कॉन्फिडेंस से भरे, अपनी गलतियों से सीख लेने वाले और खुशनुमा किस्म के होते हैं। ऐसे परिवार में जब भी कोई प्रॉब्लम आती है, सब एक दूसरे से बेझिझक बात कर के, उस प्रॉब्लम का सॉल्यूशन निकाल ही लेते हैं। वो कहते हैं न ‘ शेयरिंग इज केयरिंग’। हैप्पी फैमिली के लिए फैमिली मेंबर्स के बीच ये बॉन्ड होना बहुत जरूरी है तभी एक दूसरे के सुख-दुख में हर कोई खड़ा रहेगा।
बदलाव को एक्सेप्ट करने वाला परिवार
जैसे-जैसे समय बदलता जाता है, वैसे-वैसे बहुत सी चीजें बदलती रहती है। ऐसे में अगर अपनी फैमिली को हैप्पी फैमिली बनाना है तो चेंजेज को एक्सेप्ट करना बहुत जरूरी है। जिस घर के बड़े इन चीजों को समझने लगते हैं और समय के साथ अपनी सोच को बदलते रहते हैं, उस घर में एक साथ कई जेनरेशन खुश रह सकती हैं। लेकिन जिस घर में चेंजेज को एक्सेप्ट नहीं किया जाता है उस घर में लोग साथ रहकर भी खुश नहीं रहते।
इमोशनल कनेक्शन होना भी जरूरी
सिर्फ एक छत के नीचे साथ रहने से कभी भी फैमिली नहीं बनती है। एक परिवार को हैप्पी फैमिली बनाने के लिए एक साथ रहने से ज्यादा, इमोशनली कनेक्ट होना जरूरी ज्यादा है। ये तभी पॉसिबल होता है, जब परिवार का हर सदस्य एक-दूसरे की रिस्पेक्ट करता है, एक दूसरे के इमोशन का ख्याल रखता है और अपनी खुशियों से ऊपर परिवार की खुशियों को रखता है। ऐसे परिवार में पले बच्चे भी इमोशनली दबा हुआ महसूस नहीं करते और जीवन में को कॉन्फिडेंस के साथ आगे बढ़ते हैं।
सुख-दुख में हों साथ
हैप्पी फैमिली का मतलब ही है कि हर सिचुएशन में एक दूसरे के साथ खड़े रहना, फिर वो चाहे सुख हो या दुख। जिस फैमिली में हर मेंबर को मोटिवेशनल सपोर्ट मिलता है, उसकी हार और जीत में परिवार का हर सदस्य साथ में खड़ा रहता है, ऐसी फैमिली हैप्पी फैमिली कहलाती है। जहां परिवार के किसी भी सदस्य की खुशी पूरे परिवार की खुशी होती है और किसी भी सदस्य का दुख पूरे परिवार का दुख होता है, तो ऐसा परिवार हमेशा साथ और खुश रहता है। ऐसे माहौल में बड़े हुए बच्चे भी स्ट्रेस और तनाव से दूर रहते हैं और जीवन में खूब आगे बढ़ते हैं।