नई दिल्ली:राहुल गांधी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधियों के साथ शुक्रवार को हरियाणा कांग्रेस के चुनिंदा वरिष्ठ नेताओं की बंद कमरे में हुई बैठक में तीखी नोकझोंक हुई। लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले हरियाणा कांग्रेस को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए यह बैठक बुलाई गई थी। साथ ही यह बैठक हरियाणा कांग्रेस कमेटी में नेतृत्व को लेकर जारी गुटबाजी के बीच हो रही है। वर्तमान में कुमारी शैलजा के पास यह पद है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा और शैलजा के संबंध ठीक नहीं हैं। आपको बता दें कि आंतरिक कलह, गुटबाजी, जाति और आलाकमान के पार्टी मामलों को गलत तरीके से संभालने के कारण कांग्रेस ने पंजाब में करारी हार का सामना किया है।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने 2024 के चुनावों से पहले हरियाणा कांग्रेस के नेताओं को तुरंत मैदान में उतरने की जरूरत पर जोर दिया। बैठक के दौरान जब उन्होंने राज्य के नेताओं से अपने विचार रखने का आग्रह किया, तो आंतरिक कलह खुलकर सामने आ गई। शैलजा ने बैठक में स्पष्ट रूप से बताया कि न तो हुड्डा खेमे ने सहयोग किया और न ही एआईसीसी ने बार-बार गुहार लगाने के बावजूद उनकी मदद की। उन्हें तीन या चार की टीम के साथ संघर्ष करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
ऐसा समझा जाता है कि आलाकमान द्वारा उन्हें एक दलित और महिला नेता के रूप में पेश किए जाने के बावजूद, एक टोकन पीसीसी प्रमुख के रूप में ‘कम करने के प्रयासों’ की निंदा की गई थी। कुमारी शैलजा राहुल गांधी के सामने हुड्डा पर खूब बरसीं। उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं ने भाजपा के खिलाफ कांग्रेस की लड़ाई को मजबूत करने में कभी सहयोग नहीं किया। हालांकि, हरियाणा में विपक्ष के नेता हुड्डा ने इस आरोप का पूरी तरह से खंडन किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस संगठन को मजबूत करने की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वह पीएम और सीएम सहित भाजपा नेताओं से लड़ने में किसी से पीछे नहीं हैं।