हाजीपुर:दो मासूम बच्चों को गला रेतकर मार डालने समेत हत्या के तीन मामलों में सोमवार को यहां की अलग-अलग अदालतों में 9 दोषसिद्ध अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी। महुआ थाने के विलंदपुर में तीन और साढ़े तीन वर्ष के दो बच्चों की हत्या में उनके चचेरे चाचा को उम्रकैद की सजा मिली तो गंगा ब्रिज थाने के तेरसिया में लगभग दस वर्ष पूर्व एक युवक की हत्या में तीन अभियुक्तों को उम्रकैद और तीन को तीन से पांच वर्ष की कैद तथा इसी गांव में 11 वर्षीय एक बालक की गोली मारकर की गयी हत्या में पांच को सश्रम उम्रकैद की सजा सुनायी गयी।
महुआ थाने के विलंदपर में 23 अप्रैल 2019 की सुबह खेलने के बहाने अपने कमरे में ले जाकर तीन वर्षीय उत्कर्ष कुमार और साढ़े तीन वर्ष के आरुष राज की गर्दन रेत दी गयी। ये बच्चे चचेरे भाई थे। इस मामले में मृत बच्चों के दादा प्रमोद कुमार सिंह के बयान पर बच्चों के चचेरे चाचा यशवंत कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। ट्रायल में मिले साक्ष्यों के आधार पर एकादश एडीजे आशुतोष राय यशवंत को दोषी घोषित किया था।
सोमवार को लोगों से खचाखच भरे कोर्ट में सरकार की ओर से सजा की बिन्दु पर बहस करते हुए जिले के लोक अभियोजक वीरेन्द्र नारायण सिंह ने कहा कि दो मासूमों की हत्या का अपराध जघन्यतम में भी जघन्य है, इसलिए अभियुक्त को फांसी की सजा दी जाए ताकि समाज में फिर कोई ऐसा अपराध करने का साहस न कर सके।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता नंद किशोर झा ने सजा का उद्देश्य सुधारात्मक बताते हुए अभियुक्त को कम सजा देने का अनुरोध किया। एडीजे ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अभियुक्त यशवंत कुमार को सश्रम उम्रकैद की सजा सुनायी। लोक अभियोजक ने बताया कि इस मामले में गवाहों को प्रस्तुत कराने में स्पीडी ट्रायल के लिए कोर्ट में प्रतिनियुक्त प्रभारी उमा सिंह ने अभियोजन पक्ष को पूरा सहयोग किया।