व्रत में ज्यादातर लोग फलाहार खाना बनाने के लिए देसी घी का इस्तेमाल करते हैं। देसी घी को व्रत में खाने के लिए सबसे शुद्ध माना जाता है। लेकिन बाजार में मिलने वाले घी कई बार मिलावट वाले होते हैं। ऐसे में जरूरी है कि घी के असली-नकली की पहचान कर ली जाए। क्योंकि नकली घी सेहत के लिए हानिकारक होता है। घर में अगर बाजार से खरीदा घी ला रहे हैं तो उसे खाने से पहले इन तरीकों से शुद्धता की पहचान जरूर कर लें।
पाम टेस्ट
घी की शुद्धता की पहचान करने का ये सबसे सरल तरीका है। इसमे घी की कुछ बूंदों को हाथ में लेकर रगड़ें, जिससे घी हाथों में पिघलकर फैल जाए। फिर इस घी की महक लें। अगर हाथों से घी की महक 1 घंटे के बाद भी आ रही है। तो इसका मतलब है कि देसी घी शुद्ध है क्योंकि नकली घी की महक थोड़ी देर बाद चली जाती है और हाथों पर केवल चिकनाई रह जाती है।
घी पहचानने का दूसरा तरीका
देसी घी की शुद्धता पहचानने का ये तरीका भी काम आ सकता है। लेकिन इससे केवल घी में मिले नारियल के तेल की पहचान की जा सकती है। काफी सारे बाजार वाले घी में नारियल तेल की मिलावट होती है। इसे पता करने के लिए किसी कांच के जार में घी को लेकर डबल ब्वॉयल करें। फिर इसे फ्रिज में रख दें। फ्रिज की ठंडक से नारियल का तेल और घी की अलग-अलग लेयर जम जाएगी।
चीनी के साथ करें पहचान
एफएसएसएआई के अनुसार देसी घी में अगर वनस्पति तेल या मार्जरीन की मिलावट है तो उसे बता करने के लिए ये तरीका आजमाया जा सकता है। सबसे पहले किसी टेस्ट ट्यूब में एक चम्मच पिघला घी डाल दें। साथ में उतनी ही मात्रा में हाइड्रोक्लोरिक एसिड और एक चुटकी चीनी मिलाएं। एक मिनट तक हिलाएं। हिलाने से थोड़ी देर बाद घी में अगर लाल रंग के कण दिखने लगते है। जिसका मतलब है कि देसी घी में वनस्पति घी की मिलावट है।