डेस्क: इजरायल ने बीते डेढ़ सालों में हमास के साथ भीषण जंग लड़ी है। इस युद्ध में करीब 46 हजार लोग मारे गए हैं। इसके बाद अब सीजफायर लागू है, लेकिन इजरायल को इसमें अपने कैदियों के बदले कठिन डील करनी पड़ी है। यही नहीं अपने उन 4 कैदियों के शवों के बदले में भी उसे सैकड़ों कैदी रिहा करने होंगे, जिन्हें आतंकी घटनाओं के आरोपों में उसने गिरफ्तार किया था। यह डील सीजफायर के पहले राउंड के खत्म होने के ठीक पहले होने वाली है। इजरायल ने शनिवार से ही 600 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई को टाल रखा है। उसका कहना है कि हमास उसके साथ जो डील कर रहा है, वह बेहद क्रूर है। वहीं हमास का कहना है कि इजरायल की ओर से देरी करना सीजफायर का गंभीर उल्लंघन है। यदि इस प्रस्ताव पर अमल नहीं हुआ तो फिर दूसरे राउंड का सीजफायर मुश्किल होगा।
हमास के प्रवक्ता अब्दुल लतीफ अल-कानु ने जैसे ही इजरायल की ओर से 600 कैदियों को रिहा किया जाएगा, उसके अगले ही दिन वे 4 कैदियों के शवों को सौंप देंगे। दरअसल शुरुआती दौर में 1 इजरायली के बदले हमास ने अपने 30 कैदियों की रिहाई की मांग रखी थी। अब वह इस शर्त को लगातार सख्त कर रहा है। यहां तक कि 4 शवों के बदले में ही सैकड़ों लोगों की रिहाई की डिमांड रख रहा है।
इजरायल और हमास दोनों ने ही मंगलवार को कहा था कि 4 शवों को सौंपने के लिए अग्रीमेंट हो चुका है, लेकिन अब तक इस पर कुछ हुआ नहीं है। हमास की ओर से जब भी इजरायली कैदियों को रिहा किया गया है तो उस दौरान बड़े पैमाने पर उसने भीड़ जुटाई है। इजरायली कैदियों को पब्लिक से अभिवादन करने को भी मजबूर किया जाता है। इस तरह यह डील इजरायल के लिए अपमानजनक ही है।
यही कारण है कि इजरायल ने अब कैदियों की रिहाई को टाल रखा है। उसने रेड क्रॉस और यूएन के अधिकारियों से भी कहा था कि जिस तरह से पब्लिक आयोजनों में कैदियों को रिहा किया जा रहा है, वह अपमानजनक है। वहीं हमास का अब कहना है कि 4 शवों को लौटाने के दौरान कोई पब्लिक प्रोग्राम नहीं रहेगा। हमास के एक अधिकारी ने कहा कि इजरायल बस उसके कैदियों को रिहा कर दे। इस बार कोई आयोजन नहीं होगा। बता दें कि इजरायल के 33 कैदियों की रिहाई के बदले में हमास के 2000 कैदियों को छोड़ा गया है। बेंजामिन नेतन्याहू सरकार के लिए यह बेहद टफ डील रही है। वहीं हमास की ओर से 8 शव भी सौंपे जाने हैं, जिनमें से 4 बाकी हैं।