जयपुर:राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि इलेक्टोरल बाॅण्ड भारत के लोकतंत्र के सबसे बड़े घपलों में एक है। इलेक्टोरल बाॅण्ड ने पूरी चुनाव व्यवस्था को सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में कर दिया है। भाजपा उद्योगपतियों पर एक तरफा दबाव बनाती है जिसके कारण इलेक्टोरल बाॅण्ड से अधिकांश चंदा भाजपा को मिलता है। इन बाॅण्ड्स में चंदा देने वालों की भी जानकारी भी पता नहीं लगती इसलिए ये बाॅण्ड कालेधन को चुनावों में इस्तेमाल लेने का एक तरीका बन रहे हैं। सीएम गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इलेक्टोरल बाॅण्ड के संबंध में दायर याचिकाओं पर शीघ्र फैसला देकर इन पर रोक लगानी चाहिए जिससे सभी पार्टियों को एक लेवल प्लेइंग फील्ड मिल सके।
सीएम अशोक गहलोत ने एक अंग्रेजी अखबार के संपादकीय का हवाले देते हुए ट्वीट किया कि चुनावी बाॅण्ड योजना को दो एनजीओ ने चुनौती दी है। ये हैं- कामन काॅज तथा एसोसिएशन फाॅर डेमोक्रेटिक रिफाॅर्मस। इन दोनों एनजीओ ने इलेक्टोरल बाॅण्ड योजना को विधिक रूप से चुनौती दी है। यह योजना वर्ष 2018 में शुरू की गई थी। इन दोनों एनजीओ के अलावा अनेक आलोचक भी यह आरोप लगा रहे है कि भारत में इलेक्टोरल बाॅण्ड योजना लोकतंत्र को विकृत कर रही है। भारतीय राजनीति में बढ़ते हुए ध्रुवीकरण को ध्यान में रखते हुए यह आवश्यक है कि सुप्रीम कोर्ट इस योजना को वैलिडिटी के बारे में सभी शंकाएं दूर करें। अथवा इस योजना में आवश्यक परिवर्तन के लिए सरकार को निर्देश करें।