इस्लामाबाद:पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के प्रमुख गठबंधन सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) के रूप में एक और बड़ा झटका लगा है। पार्टी ने विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के साथ एक डील किया है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने बुधवार तड़के ट्वीट किया कि एकजुट विपक्ष और एमक्यूएम के बीच समझौता हो गया है।
बिलावल भुट्टो जरदारी ने ट्विटर पर लिखा, “राब्ता समिति एमक्यूएम और पीपीपी सीईसी उक्त समझौते की पुष्टि करेंगे। हम कल आईए को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के साथ विवरण साझा करेंगे। बधाई हो पाकिस्तान।”
अविश्वास प्रस्ताव पर महत्वपूर्ण वोट से पहले देर रात के घटनाक्रम ने इमरान खान के भविष्य को संकट में डाल दिया है, क्योंकि पीटीआई सरकार संसद के निचले सदन में बहुमत खो चुकी है।
आपको बता दें कि पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य हैं। विपक्ष को इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के के लिए 172 मतों की आवश्यकता है।
पीटीआई के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार 179 सदस्यों के समर्थन से बनी थी, लेकिन एमक्यूएम-पी के इस्तीफे के बाद इमरान खान की पार्टी के पास सिर्फ 164 सदस्यों का समर्थन रह गया है। नेशनल असेंबली में विपक्ष के अब 177 समर्थक हैं। उन्हें पीटीआई के असंतुष्ट सांसदों के समर्थन की जरूरत नहीं है। इस बीच इमरान सरकार में मंत्री असद उमर ने कहा है कि इमरान खान अपने आरोपों का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) उमर अता बंदियाल को एक पत्र दिखाने के लिए तैयार हैं, जिसमें उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग विदेशी फंड की मदद से उनकी सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं।
एक रैली के दौरान इमरान खान ने कहा था, “पाकिस्तान में सरकार बदलने के लिए विदेशी धन के माध्यम से प्रयास किए जा रहे हैं। हमारे लोगों का उपयोग किया जा रहा है। ज्यादातर अनजाने में, लेकिन कुछ लोग हमारे खिलाफ पैसे का उपयोग कर रहे हैं। हम जानते हैं कि किन जगहों से प्रयास किए जा रहे हैं। हमें लिखित में धमकी दी गई है, लेकिन हम राष्ट्रीय हित से समझौता नहीं करेंगे।”