इस्लामाबाद:पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से नेशनल असेंबली को बहाल करने के फैसले का स्वागत किया है। अदालत ने गुरुवार को असेंबली को भंग करने के सरकार के फैसले को असंवैधानिक घोषित किया। इमरान खान की आलोचना करते हुए शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान के लोग ईश्वर का शुक्रिया अदा कर रहे हैं कि इस फैसले की घोषणा की गई। उन्होंने कहा कि संकट में घिरे प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के आम लोगों को भूखा रखा।
नवाज शरीफ ने लंदन में मीडिया से बातचीत में कहा, “मैं देश में सभी को बधाई देना चाहता हूं। लोगों ने देश को बर्बाद करने वाले ऐसे व्यक्ति से छुटकारा पा लिया है, जिसने आम लोगों को भूखा रखा। डॉलर आज 200 तक पहुंच गया है और देश में महंगाई से लोग निराश हैं।”
उपाध्यक्ष का फैसला संविधान व कानून के विपरीत
प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि उपाध्यक्ष का फैसला संविधान व कानून के विपरीत था। इसका कोई कानूनी प्रभाव नहीं था। इसे रद्द किया जाता है। न्यायमूर्ति बंदियाल ने कहा कि उपाध्यक्ष ने तीन अप्रैल को एक फैसला सुनाया था। 28 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पर अनुमति दी गई थी। अध्यक्ष के फैसले को असंवैधानिक घोषित किया जाता है।
नेशनल असेंबली भंग करने की सलाह असंवैधानिक घोषित
अदालत ने प्रधानमंत्री खान द्वारा राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को नेशनल असेंबली भंग करने की सलाह को भी असंवैधानिक घोषित किया। पीठ में न्यायमूर्ति इजाजुल अहसन, न्यायमूर्ति मोहम्मद अली मजहर मियांखेल, न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर और न्यायमूर्ति जमाल खान मंडोखेल भी शामिल थे। पीठ ने प्रधानमंत्री खान और उनके कैबिनेट को तीन अप्रैल की स्थिति के अनुसार उनके पदों पर बहाल कर दिया।
9 अप्रैल को नेशनल असेंबली का सत्र बुलाने का आदेश
शीर्ष अदालत ने स्पीकर को 9 अप्रैल को सुबह 10 बजे नेशनल असेंबली का सत्र बुलाने का आदेश दिया ताकि अविश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन किया जा सके। अदालत ने आदेश दिया कि अगर अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाता है तो नए प्रधानमंत्री का चुनाव कराया जाए। प्रधानमंत्री खान को सत्ता से हटाने के लिए विपक्षी दलों को 342 सदस्यीय सदन में 172 सदस्यों की आवश्यकता है और पहले से ही उन्होंने जरूरत से ज्यादा संख्या बल दिखाया है। अब खान के सामने पाकिस्तान के इतिहास में पहला ऐसा प्रधानमंत्री होने की संभावना है, जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव से बाहर कर दिया जाएगा।