पटना:लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीए के बीच सीटों का बंटवारा अंतिम चरण में है। इसकी घोषणा जल्द ही होनी है। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू अपनी सीटों को लेकर कई दिनों से मंथन कर रही है। जानकारी के अनुसार, लोकसभा चुनाव में जेडीयू कुछ सीटों पर अदला-बदली करने वाली है। वहीं, कुछ नए चेहरे भी सामने आ सकते हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू बिहार की 17 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिनमें 16 पर उसे जीत मिली थी। पिछली बार भी वह एनडीए के तहत लोकसभा का चुनाव लड़ी, तब घटक दलों में बीजेपी, जेडीयू और लोजपा ही थी।
इस बार एनडीए में भागीदार की संख्या पिछले बार की तुलना में अधिक हैं। हालांकि, इस पर अंतिम फैसला होना अभी बाकी है कि दो बड़े साझेदार जेडीयू-बीजेपी के अलावा अन्य दलों के हिस्से कितनी सीटें जाएंगी। मगर पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस बार जेडीयू अपनी दो-तीन सीटिंग छोड़कर उसके बदले कोई दूसरी सीट भी ले सकती है। इसकी मजबूती से चर्चा है कि काराकाट और गया सीट जेडीयू छोड़ सकती है। जेडीयू जो सीट छोड़ेगी, उस पर एनडीए के सहयोगी दल के उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे।
गया सीट पूर्व सीएम जीतनराम मांझी मांझी जबकि काराकाट उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के खाते में जा सकती है। वहीं, दूसरी ओर माना जा रहा है कि जेडीयू शिवहर सीट बीजेपी से ले सकती है। अगर, शिवहर पर बात नहीं बनती है तो पूर्वी चंपारण सीट भी जेडीयू के पास आने की चर्चा है। शिवहर से एक पूर्व सांसद को जेडीयू मैदान में उतार सकता है। इसी प्रकार सीतामढ़ी सीट पर जेडीयू उम्मीदवार बदल सकता है। सीतामढ़ी से सुनील कुमार पिंटू पार्टी के सांसद हैं। इससे पहले वे बीजेपी में थे और पूर्व मंत्री भी रहे हैं। सीतामढ़ी में जेडीयू से चुनाव लड़ने की घोषणा विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर पहले ही कर चुके हैं।
वहीं, गया के बदले दक्षिण बिहार की कोई एक सीट बीजेपी से जेडीयू को मिल सकती है। यह सीट औरंगाबाद भी हो सकती है। नीतीश की पार्टी कुल कितनी सीटों पर लड़ेगी, इसको लेकर पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह राजनीतिक सलाहकार केसी त्यागी ने साफ किया है कि हमारी और बीजेपी की जीती हुईं सीटें दोनों की अमानत हैं। सीट बंटवारे में इसका सभी ख्याल रखेंगे।
पिछले चुनाव में इन सीटों पर जेडीयू को मिली थी जीत
2019 में जेडीयू को 16 सीटों पर जीत मिली थी। अजय कुमार मंडल भागलपुर से, बैद्यनाथ प्रसाद महतो वाल्मीकिनगर से, चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी जहानाबाद से, दिलेश्वर कामत सुपौल से, दिनेश चंद्र यादव मधेपुरा से, डॉ. आलोक कुमार गोपालगंज से, दुलालचंद गोस्वामी कटिहार, गिरिधारी यादव बांका से, कौशलेंद्र कुमार नालंदा से, कविता सिंह सीवान, महाबली सिंह काराकाट, ललन सिंह मुंगेर, रामप्रीत मंडल झंझारपुर, संतोश कुशवाहा पूर्णिया, सुनिल कुमार पिंटू सीतामढ़ी तथा विजय कुमार गया से विजयी रहे थे। वाल्मीकिनगर से जीते वैद्यनाथ महतो के निधन के बाद 2020 में हुए उपचुनाव में भी जेडीयू प्रत्याशी सुनील कुमार को जीत मिली।