नई दिल्ली:भारत की नीतू घंघास ने महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में 48 किलोग्राम के फाइनल में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने फाइनल में मंगोलियाई मुक्केबाज लुत्सेखान को 5-0 से हराया। इसके साथ ही वह विश्व चैंपियन बनने वाली केवल छठी भारतीय मुक्केबाज (पुरुष या महिला) बनीं।
नीतू ने विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में मंगोलिया की लुत्साइखानी अल्तांसेटसेग को 5-0 से हराकर अपने करियर का सबसे बड़ा खिताब जीता। 22 वर्षीय ने पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों में इसी भार वर्ग में स्वर्ण जीता था। इस जीत से 2022 स्ट्रैंड्जा मेमोरियल में स्वर्ण पदक जीतने वाली नीतू विश्व चैम्पियन खिताब हासिल करने वाली छठी भारतीय मुक्केबाज बनी।
भारतीय मुक्केबाज ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अल्तानसेतसेग को 5-0 से हराकर न्यूनतम वजन वर्ग का स्वर्ण पदक अपने नाम किया।नीतू ने आक्रामक शुरूआत की और अपने मुक्कों का अच्छी तरह इस्तेमाल कर जीत दर्ज की। छह बार की चैम्पियन एम सी मैरीकॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आर एल (2006), लेखा केसी (2006) और निकहत जरीन (2022) अन्य मुक्केबाज हैं जिन्होंने विश्व खिताब जीते हैं।
इससे पहले सेमीफाइनल में नीतू ने बाल्किबोवा को हराया था। 22 वर्षीय नीतू ने चतुराई से सटीक मुक्के मारे और अपार धैर्य का प्रदर्शन करते हुए पहली बार प्रतियोगिता के फाइनल में जगह बनाई थी। पिछले साल विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टरफाइनल में बाल्किबोवा से हारने वाली नीतू ने इस जीत के साथ हिसाब भी चुकता कर लिया।