नई दिल्ली:आखिरकार धीरे-धीरे महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद जगने लगी है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा दिसंबर, 2022 के लिए घरेलू उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) डाटा जारी कर दिया गया है। आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में खुदरा महंगाई दर (CPI) घटकर 5.72 प्रतिशत हो गई है, जबकि नवंबर में यह आंकड़ा 5.88 प्रतिशत था।
अक्टूबर में मुद्रास्फीति की दरों में कमी आई। यह 6.77 फीसद थी, जबकि सितंबर में 7.41 फीसदी घरेलू उपभोक्ता मूल्य सूचकांक दर्ज की गई थी। नवंबर में मुद्रास्फीति में आई गिरावट और औद्योगिक वृद्धि की वजह से दिसंबर में महंगाई पर काबू पाने की थोड़ी उम्मीद थी। हालांकि, खाद्य पदार्थों की लगातार बढ़ती हुई कीमतों और ऊर्जा की उच्च लागत के चलते हाल के कुछ महीनों में मुद्रास्फीति में तेजी भी देखी गई।
पिछले कुछ महीने से महंगाई RBI टॉलरेंस बैंड 6 प्रतिशत के आंकड़ों से अधिक बनी हुई थी, लेकिन अब जाकर बीते तीन महीनों से इसमें गिरावट देखी गई है। मुद्रास्फीति का आंकड़ा एक प्रतिकूल आधार प्रभाव के बाद आंका गया है, जो मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं की कीमतों की गति में निरंतर गिरावट को दर्शाता है। आपको बता दें कि खाद्य मुद्रास्फीति कुल मुद्रास्फीति का सबसे बड़ा कारण होती है।
जिन अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट देखी गई उनमें मांस और मछली, अंडे, फल और चीनी शामिल हैं। 2022 के आखिरी महीने में सूचकांक में 1.1 प्रतिशत महीने-दर-महीने की वृद्धि के साथ अनाज की कीमतों में वृद्धि जारी रही। खाने-पीने की चीजों के अलावा मकान की कीमतों में तेज गिरावट हुई, जिसका सूचकांक महीने-दर-महीने 0.6 प्रतिशत गिर गया। छह महीने में यह पहली बार है जब हाउसिंग इंडेक्स में क्रमिक रूप से गिरावट आई है।
कपड़े और जूते, ईंधन और बिजली जैसे सेक्टर्स में महीने-दर-महीने आधार पर बढ़त देखी है। कुल मिलाकर, सीपीआई का सामान्य सूचकांक नवंबर से दिसंबर में 0.5 प्रतिशत नीचे था, जो गिरती हुई कीमतों की गति को दर्शाता है।