शारदीय नवरात्र की शुरुआत इस बार 26 सितंबर से हो रही है। इस बार माता रानी सोमवार को हाथी पर सवार होकर आ रही है। मां दुर्गा का आगमन और प्रस्थान दोनों हाथी पर होगा। कहा जाता है कि माता का हाथी पर प्रस्थान शुभ होता है। इस सवारी पर माता के आने और जाने से माता का सभी के दुख, रोग, संताप, शोक आदि ले जाती हैं। हाथी पर माता के आगमन और प्रस्थान से माता रानी अपने भक्तों को धन-धान्य का आशीर्वाद देकर जाती हैं।
यह भी कहा जाता है कि माता की हाथी की सवारी और प्रस्थान से पानी की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे पहले की बात करें तो माता डोली पर बैठकर आईं थीं और हाथी में बैठकर गईं थी। इसके अलावा माता शेर, घोड़ा और नाव पर बैठकर भी आती हैं।
महालया के बाद 26 सितंबर को घरों में कलश स्थापना की जाएगी। नवरात्रि के नौ दिन माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इसके बाद अष्टमी तिथि और नवमी तिथि को कन्या भोज कराया जाता है। इस बार 4 अक्टूबर को महानवमी के बाद 5 अक्टूबर को दशहरा का पर्व मनाया जाएगा।