Byju crisis: एडुटेक कंपनी बायजू के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बायजू रवींद्रन ने शनिवार को आरोप लगाया कि कंपनी की ऑडिट फर्म बीडीओ ने रिपोर्ट को पिछली तारीख से पब्लिश करने का सुझाव दिया था, जिसे अस्वीकार कर दिया गया था। बायजू सीईओ का आरोप है कि ऑडिट कंपनी का इस्तीफा दिखावटी है।
बायजू रवींद्रन ने क्या कहा
ऑडिट फर्म के रूप में बीडीओ के इस्तीफे पर रवींद्रन ने बताया कि ऑडिटर दिवाला कार्यवाही के बारे में सबसे पहले जानते हैं, लेकिन उन्होंने इसके बारे में अदालत द्वारा नियुक्त दिवाला समाधान पेशेवर (आईआरपी) को सूचित नहीं किया। रवींद्रन ने कहा- उन्होंने हमें कई बार पिछली तारीखों में रिपोर्ट करने के लिए कहा है। यह सब हाल ही में हुआ है। हम सहमत नहीं थे। हमारे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।
एमएसकेए एंड एसोसिएट्स ने बीडीओ इंडिया से सम्बद्ध बायजू के ऑडिट का काम संभाला। एमएसकेए ने फर्म के ऑडिटर के पद से इस्तीफा दे दिया है। रवींद्रन ने कहा कि ऑडिटरों ने पश्चिम एशिया स्थित साझेदार के साथ लेन-देन के फोरेंसिक ऑडिट के लिए कहा था, जिसे जून में मंजूरी दे दी गई थी, लेकिन ऑडिटरों ने इस पर कोई काम नहीं किया।
बोर्ड को नहीं दी जानकारी
रवींद्रन ने कहा- यह बच निकलना है। उन्होंने ऐसा उस समय किया जब हम बोर्ड में नहीं थे। हम अभी भी बोर्ड में नहीं हैं। उन्हें बोर्ड को सूचित करना चाहिए था। पिछले 45 दिनों में, उन्होंने बोर्ड को कुछ भी नहीं बताया है। यह न केवल निराधार है, बल्कि उन्होंने जो कुछ भी किया है वह कानूनी रूप से भी अस्वीकार्य है।
कोर्ट इस मामले की सुनवाई को तैयार
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के एक फैसले के खिलाफ अमेरिकी ऋणदाता कंपनी ‘ग्लास ट्रस्ट कंपनी एलएलसी’ की अपील को शीघ्र सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमत हो गया है। बता दें कि एनसीएलएटी ने बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और बीसीसीआई के साथ 158.9 करोड़ रुपये के बकाये के निपटान को मंजूरी दी थी।