अहमदाबाद:गुजरात में 1100 मदरसों को सर्वे किया जा रहा है। इसका आदेश राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने दिया है। सर्वे के लिए जिला शिक्षा अधिकारी के तहत कई टीमों का गठन किया गया है जो पूरे राज्य में जानकारी जुटाने के लिए मदरसों का दौरा कर रही हैं। मदरसे में जिन चीजों की जानकारी मांगी गई है उनमें मदरसों में जाने वाले गैर मुस्लिम बच्चों की जानकारी, मदरसे के कर्मचारियों की सैलरी के लिए पैसों के सोर्स समेत अन्य चीजें भी शामिल है। जानकारी के मुताबिक गुजरात के ही 175 मदरसों का सर्वे किया जा रहा है।
हाल ही में मदरसा का सर्वे करने पहुंची एक टीम पर हमला करने का मामला भी सामने आया था। बताया जा रहा है कि अहमदाबाद में शनिवार को एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल जब एक मदरसे का सर्वेक्षण करने गए तो कुछ लोगों ने उनकी पिटाई कर दी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पांच से सात लोगों के खिलाफ गैरकानूनी तरीके से इकट्ठे होने, दंगा करने, जानबूझकर चोट पहुंचाने, डकैती और आपराधिक धमकी देने का मामला दर्ज करने के बाद दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मामला दरियापुर इलाके में स्थित मदरसे से जुड़ा था प्रिंसिपल छात्रों की संख्या और उसके बुनियादी ढांचे के बारे में जानकारी इकट्ठा करने गए थे।
क्यों सर्वे करा रही सरकार?
दरअसल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षा प्राप्त करना बच्चों का संवैधानिक अधिकार है। ऐसे में शिक्षा विभाग इस बात को लेकर चिंता में है कि मदरसे में बच्चों को ऐसी शिक्षा मिलती है या नहीं। मदरसा चलाने वालों को एक गूगल शीट दी गई है जिसमें उनसे मदरसे में आने वाले बच्चों का पता, पिता का नाम, पिता का पता, आधार डीआईएसई नंबर जैसी जानकारी भरने के लिए कहा गया है। शिक्षा विभाग इन जानकारियों के जरिए उन सभी बच्चों को ट्रैक करना चाहता है।
सर्वे में जुटा रहे कौन-कौन सी जानकारी?
मदरसों में सर्वे करने जा रही टीम इस बात की भी जांच कर रही है कि मदरसे के लिए इमारत की परमिशन है या नहीं, मदरसे में फायर सेफ्टी है या नहीं। इसके अलावा इसमें पढ़ाई का समय, मदरसा को चलाने वाले ट्रस्ट या संगठन का नाम और पता, छात्रों के नाम, शिक्षकों के नाम और किसी मदरसे को मिलने वाली सरकारी सहायता की जानकारी भी शामिल है।