जयपुर:राजस्थान सरकार ने कथित फर्जी आधार कार्ड बनाने के मामलों की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। यह जांच उन चौंकाने वाले आरोपों के बाद की गई है, जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान की सीमा से लगे सांचौर और अन्य जिलों में इंसानी बायोमेट्रिक्स की जगह जानवरों की आंखों की पुतलियों (Animals Iris) और पैरों के निशानों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
राज्य के संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने शनिवार को कहा कि सरकार ई-मित्र/आधार ऑपरेटरों द्वारा फर्जी आधार कार्ड बनाने की जांच के लिए सर्च टीम गठित करते हुए राज्यव्यापी अभियान चलाएगी।
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्री जोगाराम पटेल का यह बयान रानीवाड़ा से कांग्रेस विधायक रतन देवासी द्वारा राज्य विधानसभा में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि आधार कार्ड बनाने के लिए जानवरों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
देवासी ने यह भी आरोप लगाया कि स्कूली बच्चों से 200-200 रुपये में फिंगरप्रिंट लिए गए और आधार कार्ड बनाते समय फोटो खींचने के लिए आईरिस स्कैनर को उल्टा रखा गया।
मंत्री पटेल ने कहा कि आधार कार्ड जारी करने वाली यूआईडीएआई द्वारा तकनीकी स्तर की जांच और कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के बाद 14 ई-मित्र/आधार ऑपरेटरों की मशीनों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है।
आईटी और संचार विभाग राजस्थान में आधार केंद्रों के संचालन की जांच कर रहा है। पटेल ने कहा, “दोषी आधार ऑपरेटरों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की जा रही है।”
मंत्री ने कहा कि यूआईडीएआई द्वारा मामले की जांच किए जाने के बाद ई-मित्र ऑपरेटरों द्वारा फर्जी आधार कार्ड जारी करने के संबंध में सांचौर में पुलिस द्वारा दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। धोखाधड़ी के सिलसिले में सांचौर में मनोहर लाल नामक एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है।