पालनपुर, बनासकांठा:गुजरात की पग-पग की धरा को ज्योतित करने वाले, गुजरात को आध्यात्मिकता से समृद्ध बनाने वाले, गुजरात में आध्यात्मिक ज्ञान की गंगा प्रवाहित करने वाले, जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अधिशास्ता, भगवान महावीर के प्रतिनिधि, अहिंसा यात्रा प्रणेता आचार्यश्री महाश्रमणजी अपनी धवल सेना के साथ पालनपुर की धरती पर पधारे तो पूज्यचरणों की पदरज को प्राप्त कर पालनपुर की धरती पावन बन गई। जी हां, सोमवार को प्रातःकाल चडोतर से युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने मंगल विहार किया तो उनके मंगल चरण पालनपुर की ओर बढ़ रहे थे।
पालनपुरवासियों पर विशेष कृपा करते हुए आचार्यश्री ने वहां अपना जन्मोत्सव व पट्टोत्सव सहित त्रिदिवसीय प्रदान किया है। अपने आराध्य से ऐसी विशेष कृपा को प्राप्त कर पालनपुरवासी निहाल थे। उत्साही श्रद्धालु अपने आराध्य की अभिवंदना में दूर-दूर तक पहुंच रहे थे। पालनपुर का पूरा वातावरण ही मानों महाश्रमणमय बना हुआ था। नगर के चौराहों, मुख्य मार्गों आदि से लेकर प्रत्येक लोग के मानस पटल पर आज युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की अभिवंदना की ललक दिखाई दे रही थी, और इसके स्पष्ट प्रमाण थे, चौराहों, मार्गों और घरों के ऊपर लगे बैनर, पोस्टर, होर्डिंग्स, तोरणद्वार आदि तो लोगों की प्रसन्न मुखाकृति पर दिखता उत्साह और दर्शन को लालायित नेत्रों से उनकी भावना को देखा जा सकता था।
लगभग आठ किलोमीटर का विहार कर तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान अधिशास्ता ने जैसे ही पालनपुर की धरा पर अपने पावन चरण को रखा तो समूचा पालनपुर जयघोष से गुंजायमान हो उठा। अपने आराध्य की अभिवंदना में न केवल तेरापंथ समाज का जन-जन, अपितु पालनपुर का जन-जन अभिनंदन कर रहा था। जगह-जगह बनीं झाकियां, पंक्तिबद्ध और सुव्यवस्थित रूप में संचालित स्वागत जुलूस जनता के अभिवंदना के साधन बन रहे थे। जन-जन पर अपने दोनों करकमलों से आशीषवृष्टि करते हुए युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी पालनपुर में अपने त्रिदिवसीय प्रवास के लिए श्री एमबी कर्णावट हाईस्कूल परिसर में पधारे। स्कूल से संबंधित लोगों ने भी मानवता के मसीहा का सादर अभिनंदन किया।
महाश्रमणोत्सव समवसरण में आयोजित आज के मुख्य मंगल प्रवचन कार्यक्रम में समुपस्थित श्रद्धालु जनता को युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने पावन प्रतिबोध प्रदान करते हुए कहा कि आदमी के जीवन में सद्गुणों का विकास होना चाहिए। हमारे जीवन की एक बहुत बड़ी संपत्ति सुसंस्कार व सद्गुण होते हैं। सद्गुणों का कुछ मूल उपादान आदमी के भीतर ही हो सकता है। मानव अपने पिछले जन्म से क्या लेकर आया है, वह भी उसके व्यवहार पर निर्धारित है। आत्मा का शाश्वत अस्तित्व माना गया है, इसलिए पिछले जन्म से कोई क्या संस्कार लेकर आया है, उसका भी योग होता है। वर्तमान जन्म में भी बच्चों को संस्कार देने का प्रयास किया जाता है। आचार्यश्री तुलसी और आचार्यश्री महाप्रज्ञजी काफी छोटी अवस्था में ही साधु बन गए थे। इस बात से यह कल्पना की जा सकती है कि वे कुछ पिछले जन्म से ही वैसे संस्कार लेकर आए थे, तब इतनी कम अवस्था में ही साधुपन को स्वीकार कर लिया। पिछले जन्म से सुसंस्कार और कुसंस्कार भी लेकर आ सकते हैं। कोई बच्चा धर्म-कर्म में रुचि लेता है तो किसी बच्चे का मन धर्म के कार्यों में लगता ही नहीं है। हालांकि वर्तमान समय में भी बच्चों को संस्कार देने का प्रयास करना चाहिए। इस जन्म में पिछले जन्म की बुरी बातों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। अच्छी चीजों को पढ़ने से अच्छे संस्कार पुष्ट हो सकते हैं। संस्कारों के सिंचन में साहित्य का भी अच्छा योगदान हो सकता है। अच्छे व्यक्ति के संपर्क में रहने से अच्छे संस्कार आ सकते हैं। सोश्यल मिडिया से अच्छी सामग्री ग्रहण करने का प्रयास होगा तो भी अच्छे संस्कार प्राप्त हो सकता है।
आज पालनपुर में आना हुआ है। आचार्यश्री तुलसी और आचार्यश्री महाप्रज्ञजी भी पधारे थे। यहां के इस शिक्षा संस्थान में प्रवास हो रहा है। यह शिक्षा संस्थान के लिए भाग्य की बात है कि यहां इतने त्यागी चारित्रात्माओं का प्रवास हो रहा है। विद्यार्थियों को विषयों के ज्ञान के साथ-साथ संस्कारों के विकास का भी प्रयास करना चाहिए। ज्ञान और संस्कार का अहंकार न आए, इसका भी प्रयास होना चाहिए। सूक्त में कहा भी जाता है कि विद्या विनय से शोभित होती है। अहंकार आ जाने से विद्या दूषित और कलुषित हो सकती है। इसी प्रकार गृहस्थों को धन का अहंकार, मोह नहीं होना चाहिए। जहां तक संभव हो अहंकार से दूर रहकर निरहंकार की दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। यहां के लोगों मंे अच्छे संस्कार का विकास होता रहे, मंगलकामना।
आचार्यश्री के मंगल प्रवचन के उपरान्त साध्वीप्रमुखाजी ने जनता को अभिप्रेरित किया। आचार्यश्री के स्वागत में पालनपुर के स्वागताध्यक्ष श्री रसिकभाई मोदी, तेरापंथी सभा के अध्यक्ष श्री सुभाष खटेड़, कार्यक्रम के संयोजक श्री किरीट भाई परीख व श्री विनोदभाई परीख ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। तेरापंथ महिला मण्डल-पालनपुर ने स्वागत गीत का संगान किया। श्रीमती किंजल मोदी ने अपनी अभिव्यक्ति दी।
संसारपक्ष में पालनपुर से संबद्ध समणी निर्मलप्रज्ञाजी ने अपने आराध्य के समक्ष अपनी भावनाओं को अभिव्यक्ति दी। पालनपुर विधानसभा के विधायक श्री अनिकेतभाई ठाकर ने भी आचार्यश्री के स्वागत में अपनी भावाभिव्यक्ति दी और आचार्यश्री से मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया। श्री एमबी कर्णावट स्कूल के प्रमुख श्री ईश्वरभाई पटेल ने भी अपनी श्रद्धाभिव्यक्ति दी और आचार्यश्री से मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया।