डेस्क:दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने इस वर्ष सामान्य से काफी पहले दस्तक देकर सभी को चौंका दिया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शनिवार, 24 मई को आधिकारिक रूप से पुष्टि की थी कि मॉनसून ने केरल में प्रवेश कर लिया है। आमतौर पर केरल में मॉनसून 1 जून के आसपास पहुंचता है, लेकिन इस बार यह आठ दिन पहले ही पहुँच गया। रविवार को यह महाराष्ट्र तक भी पहुँच गया—और यह राज्य के लिए पिछले 35 वर्षों में मॉनसून की सबसे जल्दी दस्तक मानी जा रही है।
कहाँ तक पहुँचा मॉनसून?
आईएमडी के अनुसार मॉनसून ने रविवार को महाराष्ट्र के कई हिस्सों, गोवा, कर्नाटक, मिजोरम, मणिपुर और नगालैंड के कुछ भागों तक अपनी पकड़ बना ली है। वैज्ञानिक सुषमा नायर ने बताया कि पिछली बार ऐसा 1990 में हुआ था जब मॉनसून ने 20 मई को महाराष्ट्र में प्रवेश किया था। अब अगले तीन दिनों में इसके मुंबई, बेंगलुरु और अन्य हिस्सों तक पहुँचने की संभावना जताई गई है।
आईएमडी की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक मॉनसून की उत्तरी सीमा फिलहाल देवगढ़, बेलगावी, कावेरी, मांड्या, धर्मपुरी, चेन्नई, आइजोल और कोहिमा तक पहुँच चुकी है। विभाग ने यह भी बताया है कि मध्य अरब सागर, पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी और पूर्वोत्तर भारत के अन्य हिस्सों में भी इसके आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हैं।
इतनी जल्दी कैसे पहुँचा मॉनसून?
विशेषज्ञों का मानना है कि वायुमंडलीय और समुद्री स्थितियों ने इस बार मॉनसून को समय से पहले आगे बढ़ने में मदद की है। अरब सागर पर बने निम्न दबाव क्षेत्र और विदर्भ तक फैली ट्रफ लाइन जैसे मौसमी तंत्र नमी को बढ़ा रहे हैं, जिससे मॉनसून की गति तेज हुई है।
इसके साथ ही ENSO यानी अल-नीनो सदर्न ऑसिलेशन की स्थितियाँ इस बार सामान्य बनी हुई हैं, जो मजबूत मॉनसून का संकेत देती हैं। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि हिमालयी क्षेत्र में बर्फ की चादर में आई कमी ने भी इस जल्दी मॉनसून की संभावना को बल दिया है।
जल्दी मॉनसून का असर क्या होगा?
मॉनसून का जल्दी आना खेती-किसानी, मत्स्य पालन और पशुपालन जैसे क्षेत्रों के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है। इससे किसान समय पर बुवाई कर सकेंगे और फसलों की उत्पादन क्षमता बढ़ सकती है। साथ ही यह स्थिति जल संकट से जूझ रहे इलाकों के लिए भी राहत लेकर आ सकती है।
मध्यप्रदेश में कब पहुँचेगा मॉनसून?
आईएमडी भोपाल केंद्र की पूर्वानुमान प्रभारी दिव्या सुरेंद्रन ने जानकारी दी है कि इस बार मध्यप्रदेश में मॉनसून सामान्य समय से पहले पहुँच सकता है। उनके अनुसार, ‘हम उम्मीद कर रहे हैं कि मॉनसून जून के पहले सप्ताह में ही मध्यप्रदेश पहुँच जाएगा।’ बीते वर्षों की बात करें तो मॉनसून 2023 में 24 जून और 2022 में 21 जून को मध्यप्रदेश पहुँचा था, जबकि सामान्य तारीख 16 जून मानी जाती है।
नौतपा के बीच मॉनसून की दस्तक
दिलचस्प बात यह है कि देश में नौतपा की शुरुआत रविवार से हो चुकी है, जो 2 जून तक चलेगा। आमतौर पर नौतपा के दौरान गर्मी अपने चरम पर होती है, लेकिन इस बार मॉनसून की दस्तक ने इस चक्र को भी असामान्य बना दिया है। ऐसे में आने वाले दिनों में तापमान और वर्षा दोनों की स्थिति दिलचस्प रहने वाली है।
निष्कर्ष:
मॉनसून की इस बार की जल्दी दस्तक मौसम विज्ञानियों और कृषि क्षेत्र के लिए तो अच्छी खबर है, लेकिन इसके साथ कुछ चुनौतियाँ भी जुड़ी हो सकती हैं। समय से पहले वर्षा जहाँ कुछ क्षेत्रों में लाभ पहुंचाएगी, वहीं अन्य स्थानों पर जलभराव, बाढ़ जैसी स्थितियाँ भी उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में सतर्कता और पूर्व योजना ही इससे अधिकतम लाभ उठाने का तरीका हो सकता है।