रांची:झारखंड में पंचायत चुनाव निर्धारित समय पर और बिना ओबीसी आरक्षण के ही होंगे। बुधवार को चुनाव पर रोक लगाने और ओबीसी को आरक्षण देने के लिए दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों के बेंच ने अगले चुनाव के पूर्व ओबीसी को आरक्षण देने के लिए ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश सरकार को दिया।
शीर्ष अदालत ने कहा कि झारखंड में पंचायत चुनाव की तिथि घोषित कर दी गयी है और प्रक्रिया भी शुरू है। ऐसे में यह याचिका अब अप्रासंगिक हो गयी है और अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता। झारखंड में 14 मई से चार चरणों में पंचायत चुनाव होने हैं।झारखंड में पंचायत चुनाव बिना ओबीसी के आरक्षण के कराए जाने के खिलाफ गिरिडीह के आजसू सांसद चंद्रप्रकाश चौोधरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि झारखंड सरकार पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिए बगैर पंचायत चुनाव कराना चाहती है।
उन्होंने अदालत से आग्रह किया था कि पंचायत चुनाव से पहले ट्रिपल टेस्ट के तहत एक आयोग का गठन हो, जो पिछड़ा वर्ग का इंपीरियल डाटा इकट्ठा करे और इसी आधार पर पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिले। आजूस नेता ने इस मामले में महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश का उदाहरण भी दिया था। याचिका में राज्य सरकार के साथ निर्वाचन आयोग को भी उन्होंने प्रतिवादी बनाया था।
याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश सरकार ने अपने-अपने राज्यों में पंचायत चुनाव कराने पर रोक लगा दी और ट्रिपल टेस्टिंग के लिए कमेटी का गठन कर दिया है। झारखंड सरकार को भी वहां की तरह पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए चुनाव से पहले ट्रिपल टेस्टिंग कराने के लिए कमेटी बनानी चाहिए।
सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि पंचायत चुनाव में पहले ही देरी हो गयी है। ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया पूरी होने में काफी समय लगेगा। इस कारण सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेश के आलोक में बिना ओबीसी को आरक्षण दिए ही चुनाव कराए जा रहे हैं। राज्य में चुनाव की प्रक्रिया शुरू रहो गयी है। ऐसे में इस पर रोक लगाना उचित नहीं होगा। सभी पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।