धनबाद:जज उत्तम आनंद की मौत दुर्घटना से नहीं बल्कि सुनियोजित और जानबूझकर की गई हत्या है। गुरुवार को धनबाद पहुंची गुजरात गांधीनगर डीएफएस डिवीजन के असिस्टेंट डायरेक्टर व फोरेंसिक साइकोलॉजी के डॉ हेमा विनोद चंद्र आचार्या ने सीबीआई के विशेष न्यायधीश रजनीकांत पाठक की अदालत में अपनी गवाही में उक्त बातें कहीं। कोर्ट ने गुरुवार को ऑटो चालक लखन वर्मा की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
सीबीआई की ओर से डॉ आचार्या को इस मामले के 28वें गवाह के रूप में कोर्ट के समक्ष पेश किया गया था। गवाही के दौरान उन्होंने बताया कि 31 जुलाई 2021 को उन्हें वीडियो क्लिप, फोटो, एफआईआर, सीन रीक्रिएशन तथा पोस्टमार्टम रिपोर्ट तथा क्राइम सीन की आठ फोटोग्राफ ई-मेल के माध्यम से भेजी गई थी।
दो अगस्त 2021 को उन्हें इस मामले की विवेचना की जिम्मेवारी सौंपी गई। प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर वह इस निष्कर्ष पर पहुंचीं कि जज उत्तम आनंद का कोई ऑटो से पीछा कर रहा था और उन्हें पूरे होशो-हवास में धक्का मारा गया। यह दुर्घटना नहीं हो सकती। डॉ आचार्या ने यह भी बताया कि ऑटो में दो लोग थे।
उन्होंने ही आरोपियों का नार्को एनालिसिस, ब्रेन मैपिंग और पोलीग्राफी टेस्ट कराने की अनुशंसा की थी।
सीबीआई की ओर से गुरुवार को इस मामले में कुल तीन गवाहों की गवाही कराई गई। गवाह महेंद्र कुमार तिवारी ने अपनी गवाही देते हुए बताया कि वह एसएसपी ऑफिस में टेक्निकल इंजीनियर के रूप में काम करते हैं।
29 जुलाई 2021 को वह गोविंदपुर थाना प्रभारी को सीसीआर कंट्रोल रूम में मौजूद कांड से संबंधित 28 जुलाई 2021 के सिटी सेंटर के दो कैमरे, श्रमिक चौक, रांगाटाड़, सर्किट हाउस, एसएसपी आवास, एसएसएलएनटी कॉलेज तथा रणधीर वर्मा चौक के कुल सात कैमरों का सीसीटीवी फुटेज 32 जीबी वाले पेन ड्राइव में दिया था।
ऑटो चालक विजय यादव ने अपनी गवाही के दौरान बताया कि वह गोविंदपुर से स्टेशन रूट में ऑटो चलाता है। 28 जुलाई 2021 को वह गोविंदपुर से स्टेशन के लिए सुबह 4.30 बजे चला रहा था। उसने वीसी से पेश राहुल की पहचान करते हुए बताया कि घटना के दिन राहुल हटिया मोड़ पर उनके ऑटो में बैठा था।