डेस्क:जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों की सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बडगाम में उत्तर प्रदेश के दो प्रवासी मजदूरों पर हुए हमले के बाद राज्य में सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ गई है। पुलिस के अनुसार, बडगाम जिले में प्रवासी मजदूरों पर आज आतंकियों ने फायरिंग की। गंभीर रूप से घायल मजदूरों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उनकी हालत अब स्थिर है। पिछले दो हफ्तों में घाटी में प्रवासी मजदूरों पर यह चौथा हमला है, जिससे इलाके में आतंक का माहौल बना हुआ है।
वहीं पुलवामा जिले के त्राल क्षेत्र में 24 अक्टूबर को गैर-कश्मीरी को निशाना बनाते हुए आतंकियों ने उत्तर प्रदेश के एक मजदूर को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया है। उस वक्त यूपी के बिजनौर के रहने वाले मजदूर के हाथ में आतंकियों ने गोली मारी थी।
इससे पहले 20 अक्टूबर को घाटी में सबसे घातक हमला हुआ था, जब गांदरबल जिले के एक टनल निर्माण स्थल पर आतंकियों ने सात लोगों की हत्या कर दी थी। इन मृतकों में एक स्थानीय डॉक्टर और बिहार के दो मजदूर शामिल थे। पुलिस जांच के अनुसार, इस हमले में शामिल दो आतंकियों में से एक की पहचान दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के निवासी के रूप में हुई है, जो 2023 में एक आतंकी संगठन से जुड़ा था। दूसरा आतंकी पाकिस्तान से आया माना जा रहा है।
इससे पहले 18 अक्टूबर को बिहार के रहने वाले मजदूर अशोक कुमार चव्हाण की शोपियां जिले में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। गोलियों से छलनी उसकी लाश जैनपोरा के वाची इलाके से बरामद की गई थी। पुलिस ने बताया कि चव्हाण के शरीर पर चार गोलियों के निशान थे। गौरतलब है कि 16 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद से घाटी में यह पहली टारगेट किलिंग थी।
इन सिलसिलेवार हमलों से स्पष्ट होता है कि आतंकवादी अब प्रवासी मजदूरों और निर्माण स्थलों को टारगेट कर रहे हैं, जिससे घाटी में रह रहे लोगों में डर का माहौल है। स्थानीय लोगों और प्रवासी मजदूरों पर बढ़ते इन हमलों को देखते हुए सुरक्षा बलों ने अपनी निगरानी और बढ़ा दी है।