डेस्क:अगले महीने होने वाले जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए नेशनल कॉफ्रेंस और कांग्रेस के बीच में सीटों का बंटवारा हो गया है। दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने कहा कि सीटों के बंटवारे को लेकर बात पक्की हो गई है। एनसी को ज्यादा सीटें यानि की 51 सीटों पर मौका दिया गया है तो वहीं 32 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लडेगी, जबकि 5 सीटों को अलग रखा गया है। इन सीटों पर दोनों पार्टियां एक दोस्ताना मुकाबला करेंगी, इसका मतलब यह कि दोनों ही पार्टियों के बीच में इन सीटों पर मतभेद पूरी तरह से समाप्त नहीं हुए हैं। कांग्रेस के जम्मू-कश्मीर प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बात पक्की हो गई है, 51 सीटों पर एनसी और 32 सीटों पर कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ेगी, जबकि 2 सीटें सीपीआईएम और पैंथर्स पार्टी के लिए छोड़ी जाएंगी। दोस्ताना मुकाबले के लिए छोड़ी गई पांच सीटों को लेकर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि तीन सीटें ऐसी थीं जिन्हें हमें छोड़ना मुश्किल हो रहा था तो वहीं दो सीटें ऐसी थीं जिन्हें छोड़ना कांग्रेस के लिए मुश्किल हो रहा था इसलिए हमने फैसला किया कि इन पांचों सीटों पर पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवार उतार सकती हैं।
आगामी विधानसभा चुनाव जम्मू-कश्मीर के भविष्य के लिए एक बड़ा कदम है क्योंकि एक दशक के बाद कश्मीर में यह चुनाव होने वाले हैं पिछले चुनाव के बाद लगे राष्ट्रपति शासन के दौरान ही कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35 ए को हटा दिया गया था।
फारुख अब्दुल्ला बोले- साथ लड़ेंगे और जीतेंगे भी
एनसी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने मीटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि हमनें यहां विभाजित करने वाली ताकतों के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है। इंडिया गठबंधन की शुरुआत ही इसलिए की गई थी ताकि हम उन ताकतों के खिलाफ लड़ सकें जो इस देश को सांप्रदायिक बनाकर विभाजित करना चाहती हैं। आज हमने बातचीत पूरी कर ली है और बहुत ही अच्छे और बेहतर माहौल में सीटों के बंटवारे पर फैसला हो गया है। एनसी और कांग्रेस इस चुनाव को मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे भी। मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि हमने अपनी चर्चा पूरी कर ली है और हम एक फॉर्मूले पर पहुंच गए हैं। हम एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे और जम्मू-कश्मीर की जनता का दिल भी जीतेंगे। भाजपा जम्मू-कश्मीर की आत्मा को नष्ट करने का काम कर रही है, हम उसे यह नहीं करने देंगे।
इससे पहले एनडीटीवी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, एनसी ने कांग्रेस को घाटी में केवल पांच सीटें और जम्मू में 28 से 30 सीटों की पेशकश की थी। लेकिन कांग्रेस और सीटों को लेने का प्रयास कर रही थी। कांग्रेस और एनसी के बीच पहले ही साथ चुनाव लड़ने की घोषणा हो चुकी थी बस सीटों को लेकर फैसला होना बाकी था।
पिछले हफ्ते ही लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी फारुख अब्दुल्ला के घर श्रीनगर पहुंचे थे जहां पर दोनों नेताओं ने गठबंधन की घोषणा की थी, जिसके बाद एनसी के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि ज्यादातर सीटों पर फैसला हो चुका है बस कुछ सीटें बाकी हैं। बातचीत को अंतिम रूप देने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद और केसी वेणुगोपाल श्रीनगर पहुंचे और आज उन्होंने उमर अब्दुल्ला से मुलाकात करके बात पक्की कर दी।