डेस्क:जनवरी के महीने में खुदरा महंगाई पर थोड़ी राहत मिली है। इस दौरान खुदरा महंगाई घटकर 4.31 प्रतिशत पर आ गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में 5.22 प्रतिशत और पिछले साल जनवरी में 5.1 प्रतिशत थी। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को यह जिम्मेदारी दी गयी है कि खुदरा मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत पर बनी रहे।
क्या कहते हैं आंकड़े
मुख्य रूप से खाने का सामान सस्ता होने से मुद्रास्फीति में कमी आई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार खाद्य मुद्रास्फीति जनवरी में 6.02 प्रतिशत रही, जो दिसंबर में 8.39 प्रतिशत तथा एक वर्ष पूर्व इसी माह में 8.3 प्रतिशत थी।
सुस्त पड़ी औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार
माइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के खराब प्रदर्शन के कारण दिसंबर 2024 में देश के औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर धीमी होकर 3.2 प्रतिशत रह गई। दिसंबर, 2023 में औद्योगिक उत्पादन 4.4 प्रतिशत बढ़ा था। इसके साथ ही सरकार ने नवंबर, 2024 के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) आंकड़े को भी संशोधित कर पांच प्रतिशत कर दिया है। पिछले महीने जारी अस्थायी अनुमान में इसे 5.2 प्रतिशत बताया गया था।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का कितना उत्पादन
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर, 2024 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का उत्पादन तीन प्रतिशत बढ़ा जो एक साल पहले की समान अवधि में 4.6 प्रतिशत बढ़ा था। इस अवधि में माइनिंग प्रोडक्शन की वृद्धि दर घटकर 2.6 प्रतिशत रह गई जबकि साल भर पहले समान अवधि में यह 5.2 प्रतिशत थी।
हालांकि माह में बिजली उत्पादन बढ़कर 6.2 प्रतिशत हो गया जो दिसंबर, 2023 में सिर्फ 1.2 प्रतिशत था। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों यानी अप्रैल-दिसंबर की अवधि में औद्योगिक उत्पादन में चार प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो एक साल पहले की समान अवधि में दर्ज 6.2 प्रतिशत वृद्धि से कम है।