नई दिल्ली:कश्मीर से लद्दाख के बीच की दूरी कम करने वाली जोजिला सुरंग को तेजी से तैयार किया जा रहा है। इस सुरंग के बन जाने के बाद सेना आसानी से कश्मीर से लद्दाख पहुंच जाएगी, जहां चीन की सेना एलएसी पर अपना दावा ठोक रही है। बता दें कि यह भारत के उन चुनिंदा डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स में से एक है, जो कि अपनी तय सीमा से पहले तैयार हो जाएंगे।
तय सीमा से पहले होगी शुरू
जोजिला सुरंग को तैयार करने के लिए नवंबर 2026 की समय सीमा रखी गई है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि तेजी से काम करके इसे सितंबर 2024 तक तैयार कर दिया जाएगा। द ट्रिब्यून के मुताबिक इसके बाद भारतीय फौज इमरजेंसी में इसका इस्तेमाल कर सकेगी। मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट मैनेजर हरपाल सिंह ने बताया कि अगर चीनी आर्मी बॉर्डर पर किसी तरह का डिटर्बेंस क्रिएट करती है तो भारतीय फौज इस सुरंग का इस्तेमाल कर पहुंचने में सक्षम होगी।
1999 के कारगिल में महसूस हुई थी जरूरत
जोजिला सुरंग की सबसे पहले जरूरत 1999 में कारगिल की लड़ाई के दौरान महसूस की गई थी। अब चीन जिस तरह से सीमा पर गतिविधियां कर रहा है, उसको देखते हुए इसका निर्माण जरूरी लगने लगा था। इस सुरंग के जरिए भारतीय सेना अपने सामान के साथ आसानी मूव कर सकेगी। प्रोजेक्ट मैनेजर हरपाल सिंह ने बताया कि इसके बन जाने के बाद साढ़े तीन घंटे की दूरी 15 मिनट की रह जाएगी। उन्होंने बताया कि सर्दियों के दिनों में जब तापमान माइनस 30 डिग्री हो गया था, उस समय भी 1000 कर्मचारी इस वीरान पहाड़ी में इसे पूरा करने में लगे हुए थे। हरपाल यहां तक कि इस दौरान भालू भी चार महीने के लिए गर्म स्थानों पर चले जाते हैं। लेकिन हमने समय से पहले काम खत्म करने के लिए आदमी बढ़ा दिए थे।
2600 करोड़ है बजट
चीन और पाकिस्तान के साथ लंबे सीमाक्षेत्र को देखते हुए यह सुरंग मातृभूमि की रक्षा में बड़ी भूमिका निभाएगी। हरपाल सिंह ने बताया कि यह सुरंग कश्मीर के सोनमर्ग से लद्दाख के मीनामर्ग को जोड़ेगी। इसको बनाने में 2600 करोड़ रुपए का खर्च आ रहा है। घोड़े की नाल की आकार की जोजिला सुरंग 3485 मीटर की ऊंचाई पर भारत की सबसे लंबी सुरंग होगी। उन्होंने बताया कि यह इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन नमूना है। इसके बन जाने के बाद बाल्टाल से मीनामर्ग की दूरी 40 किमी से घटकर महज 13 किमी रह जाएगी।