नई दिल्ली। लोकसभा में शपथ लेने के दौरान एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के जय फिलिस्तीन कहने पर विवाद छिड़ गया है। ओवैसी की संसद से सदस्यता खत्म करने की मांग होने लगी है। वरिष्ठ वकील हरि शंकर जैन ने भी इस बाबत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेटर लिखा है और ओवैसी की सदस्यता को अयोग्य घोषित करने की मांग की है।
वरिष्ठ वकील हरि शंकर जैन ने हैदराबाद से एक बार फिर चुने गए असदुद्दीन ओवैसी द्वारा सदन के सदस्य के रूप में शपथ लेते समय इस्तेमाल किए गए ‘जय फिलिस्तीन’ शब्दों पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा। उन्होंने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि 25.06.2024 को संसद सदस्य के रूप में शपथ लेते समय विदेशी देश यानी फिलिस्तीन के प्रति अपनी निष्ठा और पालन को स्वीकार करने के लिए सांसद को अयोग्य घोषित किया जाए।
हैदराबाद से पांचवीं बार सदस्य निर्वाचित हुए ओवैसी ने उर्दू में शपथ ली थी। शपथ लेने से पहले उन्होंने दुआ पढ़ी। अपनी शपथ के बाद उन्होंने मुस्लिमों के लिए एआईएमआईएम का नारा बुलंद करने के अलावा अपने राज्य तेलंगाना, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के पक्ष में नारा लगाया। ओवैसी ने पश्चिम एशिया के उस क्षेत्र के पक्ष में नारा लगाया जो वर्तमान में युद्ध का सामना कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा के केंद्रबिंदु में है। उनकी शपथ के बाद सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई, जिससे सदन में हंगामा शुरू हो गया।
संसद से बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए, ओवैसी ने कहा था कि उन्होंने सदन के भीतर ‘जय फिलिस्तीन’ कहा है। उनका कहना था, ”अन्य सदस्य भी अलग-अलग बातें कह रहे हैं… मैंने कहा ‘जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन’। यह कैसे गलत है? मुझे संविधान के प्रावधान बताएं? आपको दूसरों की बात भी सुननी चाहिए…पढ़िए कि महात्मा गांधी ने फिलिस्तीन के बारे में क्या कहा था।” यह पूछे जाने पर कि उन्होंने फिलिस्तीन का उल्लेख क्यों किया, ओवैसी ने कहा, ”वे उत्पीड़ित लोग हैं।”
वहीं, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी और किरेन रिजिजू ने ओवैसी की आलोचना की और उनके बयान की निंदा की। एआईएमआईएम प्रमुख पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने कहा, “एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी द्वारा संसद में दिया गया ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा गलत है। यह सदन के नियमों के खिलाफ है। वह भारत में रहते हुए ‘भारत माता की जय’ नहीं कहते हैं।” तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष ने आगे कहा, “लोगों को यह समझना चाहिए कि वह देश में रहते हुए असंवैधानिक काम करते हैं।” दूसरी ओर, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि शपथ लेते समय दूसरे देश की प्रशंसा का नारा लगाना अनुचित है। उन्होंने कहा, “हमारी फिलिस्तीन या किसी अन्य देश से कोई दुश्मनी नहीं है। मुद्दा यह है कि शपथ लेते समय क्या किसी सदस्य द्वारा किसी अन्य देश की प्रशंसा में नारा लगाना उचित है।”