नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को ‘कार्नेगी ग्लोबल टेक समिट 2025’ में हिस्सा लेते हुए दुनिया में तेजी से बदलते तकनीकी और भू-राजनीतिक परिदृश्य पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि बीते एक वर्ष में अमेरिका की वैश्विक रणनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है, जिसका सबसे गहरा असर तकनीकी क्षेत्र में पड़ा है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के ‘MAGA’ (Make America Great Again) एजेंडे और तकनीक के बीच अब एक सीधा और स्पष्ट संबंध बनता दिखाई दे रहा है। जयशंकर ने कहा, “टेक्नोलॉजी अमेरिका की सबसे बड़ी ताकत है और यही उसकी वैश्विक भूमिका को परिभाषित करती है। पहले यह बात इतनी स्पष्ट नहीं थी, लेकिन अब इसमें कोई संदेह नहीं रहा कि अमेरिका को महान बनाने में टेक्नोलॉजी की केंद्रीय भूमिका है।”
चीन और यूरोप की बदलती स्थिति पर नजर
विदेश मंत्री ने अमेरिका के साथ-साथ चीन की लगातार हो रही प्रगति की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि चीन में हो रहे बदलाव अचानक नहीं हैं, बल्कि यह धीरे-धीरे और स्थिर गति से सामने आ रहे हैं।
यूरोप को लेकर जयशंकर ने कहा कि पांच वर्ष पहले तक यूरोप अमेरिका, रूस और चीन के साथ एक संतुलन बनाए हुए था, लेकिन अब वह संतुलन दबाव में है। उन्होंने कहा, “यह बदलाव भले ही नाटकीय न लगे, लेकिन यह लगातार गहराता जा रहा है और भविष्य में अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर इसका व्यापक असर पड़ेगा।”
दो ‘T’ का ज़िक्र: टेक्नोलॉजी और टैरिफ
अपने संबोधन में जयशंकर ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि इस सम्मेलन में अधिकतर लोग ‘T’ यानी टेक्नोलॉजी पर चर्चा करने आए हैं, लेकिन अब एक और ‘T’ शब्द उतना ही महत्वपूर्ण होता जा रहा है—’टैरिफ’।
उन्होंने कहा, “आज हम एक ऐसे समय में हैं, जहां टेक्नोलॉजी और टैरिफ दोनों के बीच गहरा संबंध बनता जा रहा है। इन दोनों को एक साथ समझना जरूरी है, क्योंकि वैश्विक व्यवस्था में इनका प्रभाव बढ़ता जा रहा है।”
जयशंकर ने कार्यक्रम की थीम ‘संभावना’ की भी सराहना की और कहा कि यह भारत के उस दृष्टिकोण को दर्शाता है जिसमें हर परिवर्तन को अवसर के रूप में देखा जाता है।