बांग्लादेश का सेना प्रमुख बनने के एक महीने बाद ही जनरल वकार-उज-जमां सुर्खियों में आ गए हैं। सोमवार को उन्होंने ही प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की घोषणा की। हसीना के देश छोड़कर चले जाने की खबरों के बीच उन्होंने टेलीविजन पर आकर बयान दिया। जमां ने कहा, ‘मैं सारी जिम्मेदारी ले रहा हूं। कृपया सहयोग करें।’ सेना प्रमुख ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक नेताओं से मुलाकात की और उन्हें बताया कि सेना कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालेगी। देश भर में विरोध प्रदर्शनों के बीच जनरल ने कहा कि उन्होंने सेना और पुलिस दोनों से गोली न चलाने को कहा है। जमां ने प्रदर्शनकारियों से संयम बरतने और हिंसा बंद करने का आग्रह किया।
बीते 2 दिनों में शेख हसीना सरकार के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों में 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। देश में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को लेकर उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसके तहत 1971 के मुक्ति संग्राम में लड़ने वालों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत नौकरियां आरक्षित हैं। नजरें अब वकार-उज-जमां पर टिकी हैं जो 58 साल के हैं। उन्होंने बीते 23 जून को तीन साल के लिए सेना प्रमुख का कार्यभार संभाला। बांग्लादेश में इस पद के लिए यही सामान्य कार्यकाल है। उनका जन्म 1966 में ढाका में हुआ। जमां की शादी जनरल मुहम्मद मुस्तफिजुर रहमान की बेटी सारानाज कमालिका जमां से हुई। रहमान साल 1997 से 2000 तक बांग्लादेश के सेना प्रमुख थे। वकार-उज-जमां ने नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ बांग्लादेश से डिफेंस स्टडी में मास्टर्स डिग्री ली है। उन्होंने लंदन स्थित किंग्स कॉलेज से डिफेंस स्टडी में मास्टर्स ऑफ आर्ट्स की डिग्री हासिल की।
शेख हसीना के करीब रहकर किया है काम
बांग्लादेश का सेना प्रमुख बनने से पहले वकार-उल-जमां ने छह महीने से कुछ अधिक समय तक जनरल स्टाफ के प्रमुख के तौर पर काम किया। इस दौरान उन्होंने मिलिट्री ऑपरेशन्स और इंटेलिजेंस से जुड़े कामकाज देखे। साथ ही, संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में बांग्लादेश की भूमिका को लेकर जानकारी हासिल की। वकार-उज-जमां ने साढ़े तीन दशक के करियर में शेख हसीना के करीब रहकर काम किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय में वह सशस्त्र बल प्रभाग में प्रमुख स्टाफ अधिकारी के रूप में तैनात थे। सेना की वेबसाइट के अनुसार, जमां सेना के आधुनिकीकरण से भी जुड़े रहे हैं। इस महीने जब देश में फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ, तो उन्होंने सेना के जवानों से लोगों के जीवन, संपत्तियों और अहम प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की थी।