एक ही दिन में हमास और हिजबुल्लाह के लीडर का खात्मा कर इजरायल ने खलबली मचा दी है। एक तरह जहां इजरायल ने ईरान में घुसकर हमास लीडर हानियेह को मार गिराया, वहीं दूसरी तरफ लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमला कर उसके नेता फउद शुकर को मार कर बदला लिया। लेकिन यह पहली बार नहीं है जब इजरायल दुश्मन की धरती पर उनको मार गिराया है। बुधवार की सुबह तेहरान में हमास नेता इस्माइल हानियेह की हत्या भी इस सूची में शामिल हो गई है। हमास ने अपने राजनीतिक विंग के प्रमुख हानियेह की मौत को हत्या बताया है। हमास ने बदला लेने की कसम खाई है। इससे मध्य पूर्व में पहले से चल रही जंग की आग भड़क गई है। हालांकि इजरायल ने अब तक इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। इजरायल अक्सर देश की सीमा के पार लक्षित हत्या करवाने में अपनी भूमिका इनकार करता है। हानियेह से पहले कई दुश्मनों को ठिकाने लगा चुका है इजरायल-
याह्या अय्याश, 1996
हमास के लिए बम बनाने वाले याह्या अय्याश की 1996 में गाजा में एक नकली सेलुलर फोन के जरिए हत्या कर दी गई थी। इंजीनियर के नाम से जाने जाने वाले अय्याश को संभवतः इज़रायली एजेंटों द्वारा निशाना बनाया गया था। माना जाता है कि अय्याश इजरायल के खिलाफ आत्मघाती बम विस्फोट को हथियार के रूप में इस्तेमाल करता था। वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल उसे 1992 से आतंकवादी हमलों के पीछे का मास्टरमाइंड मानता था जिसमें कम से कम 60 लोगों की जान चली गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए। हालांकि किसी ने अय्याश की हत्या की जिम्मेदारी नहीं ली, लेकिन इजरायल के सरकारी रेडियो ने इजरायली स्रोतों का हवाला देते हुए उसकी मौत की खबर सबसे पहले दी थी।
खालिद मेशल, 1997
खालिद मेशल हमास नेता है। 1997 में जॉर्डन में इजरायल के हमले में बच गया। 1967 में इजरायली अधिग्रहण के बाद मेशल ने वेस्ट बैंक छोड़ दिया। उसके बाद वह कुवैत और फिर 1991 में जॉर्डन चला गया और हमास के सक्रिय सदस्य के तौर पर काम करने लगा। उसे 1996 में हमास के राजनीतिक ब्यूरो का प्रमुख बनाया गया। एक साल बाद जॉर्डन की राजधानी अम्मान की एक सड़क पर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के एक ऑपरेशन में इजरायल की विदेशी खुफिया एजेंसी मोसाद ने मेशल के कान में एक घातक जहर का इंजेक्शन लगाया। मेशाल तब बच गया जब जॉर्डन के राजा हुसैन ने जिम्मेदार एजेंटों को गिरफ्तार कर लिया और धमकी दी कि अगर इजरायल ने जहर का एंटोडोड उपलब्ध नहीं कराया तो वे इजरायल के साथ शांति समझौते को खत्म कर देंगे।
शेख अहमद यासीन, 2004
हमास के संस्थापक और आध्यात्मिक नेता शेख अहमद यासीन की मार्च 2004 में गाजा शहर में एक इजरायली हेलीकॉप्टर हमले में हत्या कर दी गई थी। व्हीलचेयर पर बैठे फिलिस्तीनी मौलवी यासीन उन लोगों में से थे जिन्होंने 1987 में हमास की स्थापना की थी। यासीन ने अपने जीवन के कई साल इजरायली जेल में बिताए। 1983 में उन्हें इजरायली सेना ने कथित तौर पर एक अंडरग्राउड संगठन बनाने और हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उन्हें दो साल बाद कैदियों की अदला-बदली के तहत रिहा कर दिया गया था। 1989 में उन्हें फिर से गिरफ्तार किया गया और हिंसा भड़काने और एक इजरायली सैनिक की हत्या का आदेश देने के आरोप में 40 साल की जेल की सजा सुनाई गई। जॉर्डन के राजा हुसैन के इजरायल के साथ समझौता करने के बाद उन्हें 1997 में रिहा कर दिया गया। यासीन की मृत्यु के बाद रंतिसी को उनका उत्तराधिकारी घोषित किया गया। हालांकि एक महीने से भी कम समय बाद रंतिसी की इजरायली हवाई हमले में मौत हो गई।
अब्देल अज़ीज़ रंतिसी, 2004
अप्रैल 2004 में एक इज़रायली हेलीकॉप्टर हमले में अब्देल अज़ीज़ रंतिसी और उनके दो बॉडीगार्ड्स की गाजा मौत हो गई। उस वक्त रंतिसी हमास के शीर्ष नेता थे। रंतिसी ने मार्च में यासीन की हत्या के बाद कमान संभाली थी। उस समय अस्पताल में हानियेह ने संवाददाताओं से कहा था, “इजरायल को इसका पछतावा होगा – बदला लिया जाएगा।” “यह खून बेकार नहीं जाएगा। लड़ाई हमारे दृढ़ संकल्प को कमजोर नहीं करेगी।”
महमूद अल-मभौह, 2010
हमास के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता महमूद अल-मभौह की जनवरी 2010 में दुबई के एक होटल के कमरे में हत्या कर दी गई थी। हमास के अधिकारियों ने हत्या के लिए इजरायल पर आरोप लगाया और बदला लेने की कसम खाई। इस तरह के आरोपों पर इजरायल के अधिकारियों ने उस समय कोई टिप्पणी नहीं की। मभौह हमास की सैन्य शाखा इज़्ज़दीन अल-क़स्साम ब्रिगेड के संस्थापकों में से एक थे और उन पर 1989 में दो इजरायली सैनिकों के अपहरण और हत्या में शामिल होने का आरोप था।