समय के साथ धीरे-धीरे ज्वॉइंट फैमिली का कल्चर भी खत्म होता जा रहा है। आज ज्यादातर परिवारों में आपसी अनबन या फिर घर से दूर नौकरी होने की वजह से कपल्स अकेले रहना ज्यादा पसंद करते हैं। लेकिन इसका सबसे ज्यादा बुरा असर घर के छोटे बच्चों पर पड़ता है। दरअसल, घर पर बड़े लोगों के ना होने की वजह से वर्किंग पैरेंट्स के पास बच्चे को ऑफिस जाते समय घर पर अकेला छोड़ने के अलावा कोई और दूसरा विकल्प नहीं बचता है। जिसकी वजह से बच्चा पूरा दिन अकेले मोबाइल या टीवी के सहारे रहकर गुजारता है। माता-पिता भी अपनी व्यस्त दिनचर्या में बच्चे को समय देना भूल जाते हैं। जिसका बुरा असर बच्चे की मानसिक सेहत पर ही नहीं बल्कि शारीरिक सेहत पर भी पड़ सकता है। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ नुकसान के बारे में, जिन्हें वर्किंग पेरेंट्स के बच्चों को उठाना पड़ सकता है।
मेंटल हेल्थ पर बुरा असर-
जिन पेरेंट्स के पास अपने बच्चों को देने के लिए समय नहीं होता है, उनके बच्चों की कार्यक्षमता, स्मरण शक्ति, पढ़ाई और मेंटल पॉवर पर बुरा असर पड़ सकता है। जो कि बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए टीक नहीं है।
डिप्रेशन-
जो बच्चे अपना ज्यादा समय अकेले रहकर गुजारते हैं उन्हें आगे भविष्य में एंग्जाइटी या डिप्रेशन की समस्या हो सकती है। कम उम्र में डिप्रेशन की वजह से कई बार बच्चे को मिर्गी का दौरा भी पड़ सकता है। इसके अलावा जो पेरेंट्स अपने बच्चों को नौकरों के भरोसे छोड़कर ऑफिस काम करने निकल जाते हैं, उनके बच्चों को कई बार नौकरों के बुरे व्यवहार का सामना करना पड़ सकता है। जिसकी वजह से भी बच्चे के दिमाग पर बुरा असर पड़ता है और वो डिप्रेशन के शिकार होने लगता है।
स्वभाव में बदलाव-
जो बच्चे अपना ज्यादातर समय घर पर अकेले रहकर गुजारते हैं, उनका स्वभाव बाकी बच्चों की तुलना में ज्यादा चिड़चिड़ा और गुस्सैल बनने लगता है। ऐसे बच्चे छोटी-छोटी बातों पर भी नाराज हो जाते हैं। अगर आपको अपने बच्चे में भी यही लक्षण नजर आ रहे हैं तो समय आ गया है कि आप उसे थोड़ा समय देना शुरू करें, उसकी समस्याओं को ध्यान से सुनने की कोशिश करें।
सेहत पर पड़ता है बुरा असर-
जो बच्चे अपना ज्यादातर समय घर पर ही रहकर गुजारते हैं, वो बच्चे फिजिकल एक्टिविटी न हो पाने की वजह से शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं और जल्दी बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। दूसरा, माता-पिता से दूर रहने का असर उनके मेंटल हेल्थ पर भी पड़ता है। जिससे उनकी नींद प्रभावित होती है और उनकी इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है।
अगर आप आज अपने बच्चे को समय नहीं देंगे, तो बच्चा आपसे दूरी बनाने लेगा। ऐसे बच्चे अपनी जिंदगी के हर फैसले फिर खुद लेने लगते हैं। बच्चे को आत्म निर्भर बनाएं लेकिन ये स्थिति माता-पिता और बच्चे दोनों के लिए ठीक नहीं है। ऐसे में बच्चे के साथ कुछ समय जरूर बिताएं।