नई दिल्ली: यूक्रेन की राजधानी कीव में एक रूसी ड्रोन हमले ने एक भारतीय दवा कंपनी के गोदाम को निशाना बनाया, यूक्रेन ने आज यह जानकारी दी। भारत में यूक्रेन के दूतावास ने आरोप लगाया कि रूस ने “जानबूझकर” यूक्रेन में भारतीय व्यापार को निशाना बनाया है।
दूतावास ने कहा, “आज एक रूसी ड्रोन ने यूक्रेन में भारतीय दवा कंपनी ‘कुसुम’ के गोदाम पर हमला किया। एक ओर रूस भारत से ‘विशेष मित्रता’ का दावा करता है, तो दूसरी ओर वह जानबूझकर भारतीय व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निशाना बना रहा है – उन दवाओं को नष्ट कर रहा है जो बच्चों और बुजुर्गों के लिए थीं।”
‘कुसुम फार्मा’, जो भारतीय व्यापारी राजीव गुप्ता के स्वामित्व में है, यूक्रेन की सबसे बड़ी फार्मा कंपनियों में से एक मानी जाती है। सूत्रों के अनुसार, कंपनी की दवाएं पूरे यूक्रेन में ज़रूरी जरूरतों को पूरा करती हैं। उन्होंने बताया कि गोदाम पर ड्रोन से सीधा हमला किया गया था, मिसाइल से नहीं।
इससे पहले, यूक्रेन में ब्रिटेन के राजदूत मार्टिन हैरिस ने भी कहा था कि रूसी हमलों में कीव में एक बड़ी फार्मास्युटिकल कंपनी का गोदाम पूरी तरह से तबाह हो गया। उन्होंने भी इस हमले को ड्रोन से अंजाम दिए जाने की बात कही।
मार्टिन ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें एक गोदाम जैसी संरचना से धुआं उठता दिख रहा था और पास में एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौजूद थी। उन्होंने कहा, “आज सुबह रूसी ड्रोन हमले ने कीव में एक बड़ी फार्मा कंपनी के गोदाम को पूरी तरह नष्ट कर दिया, जिससे बुजुर्गों और बच्चों के लिए जरूरी दवाओं का भंडार जल गया। रूस का यूक्रेनी नागरिकों के खिलाफ आतंक का अभियान जारी है।”
दूसरी ओर, आज रूस के रक्षा मंत्रालय ने आरोप लगाया कि बीते 24 घंटों में यूक्रेन ने रूस के ऊर्जा ढांचे पर पांच हमले किए, जो अमेरिका की मध्यस्थता से तय हुए संघर्ष विराम का उल्लंघन है।
गौरतलब है कि पिछले महीने यूक्रेन और रूस के बीच एक अस्थायी समझौता हुआ था, जिसके तहत दोनों देश एक-दूसरे के ऊर्जा ढांचे पर हमले नहीं करेंगे। हालांकि, दोनों देश लगातार एक-दूसरे पर इस समझौते के उल्लंघन का आरोप लगा रहे हैं।
भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अब तक तटस्थ रुख अपनाया है और शांति व हिंसा के अंत की अपील की है। लेकिन रूस से सस्ते दरों पर तेल मिल पाने के चलते भारत ने युद्ध के बाद रूस से कच्चे तेल की खरीद बढ़ा दी है।
फरवरी 2025 में भारत ने रूस से औसतन 1.48 मिलियन बैरल प्रति दिन कच्चा तेल आयात किया, जबकि जनवरी में यह आंकड़ा 1.67 मिलियन बैरल प्रति दिन था। रूस अब भी भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बना हुआ है।
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