दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में हैं। उन पर कथित शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा है। बीते दिनों दिल्ली की ट्रायल कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी थी। केजरीवाल की रिहाई से पहले ही सीबीआई ने तिहाड़ जेल से गिरफ्तार कर लिया था। बाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल के जमानत वाले आदेश पर स्टे लगा दिया। अब दिल्ली हाई कोर्ट और निचली अदालतों के लगभग 150 वकील केजरीवाल की जमानत में हो रही देरी को लेकर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है। पत्र में वकीलों ने केजरीवाल की जमानत याचिका पर स्टे लगाने वाले जज पर भी सवाल उठाए हैं। चीफ जस्टिस को लिखे पत्र में वकीलों ने क्या-क्या लिखा है? आइये जानते हैं।
CJI को लेटर और जज पर सवाल
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को लिखे लेटर में वकीलों ने कहा है कि केजरीवाल की जमानत अर्जी पर जज फैसला लेने में देरी कर रहे हैं। इसके साथ ही वकीलों ने लिखा है कि जज लंबी-लंबी तारीखें भी दे रहे हैं। चीफ जस्टिस को लिखे लेटर में वकीलों ने केजरीवाल की जमानत वाले फैसले पर स्टे लगाने वाले जज पर भी सवाल उठाए हैं। वकीलों ने सुप्रीम को चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को लेटर लिखते हुए कहा कि हाई कोर्ट के जज, जस्टिस सुधीर जैन को केजरीवाल के खिलाफ ईडी की अर्जी पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए थी। इस पर तर्क देते हुए वकीलों ने कहा है चूंकि सुधीर जैन ईडी के वकील हैं इसलिए उन्हें सुनवाई से खुद को अलग कर लेना चाहिए था।
बता दें कि कथित शराब घोटाले में ईडी ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद लोकसभा चुनावों के दौरान कोर्ट से 1 जून तक के लिए जमानत मिल गई थी। जमानत की अवधि पूरी होने के बाद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था। 20 जून को दिल्ली की ट्रायल कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत दे दी थी। हालांकि, उनकी रिहाई से पहले ही सीबीआई ने तिहाड़ जेल से गिरफ्तार कर लिया था। अब इस मामले में हो रही देरी को लेकर निचली अदालत और हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले लगभग 150 वकीलों ने डी वाई चंद्रचूड़ को लेटर लिखा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीबीआई की गिरफ्तारी के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। केजरीवाल ने मांग की है कि उनको वकीलों से मिलने के लिए ज्यादा समय दिया जाए। उन्होंने कोर्ट में दायर अर्जी में मांग की है कि उन्हें वकीलों से हफ्ते में चार बार मीटिंग का समय दिया जाए। वकीलों के साथ ज्यादा समय बिताने की मांग के पीछे केजरीवाल ने तर्क भी दिया है। उनका कहना है कि उनके ऊपर चल रहे केसों के सिलसिले में वकीलों से बात करने के लिए उन्हें हफ्ते में कम से कम चार बार मीटिंग का समय दिया जाए। उनकी इस मांग को निचली अदालत ने ठुकरा दी थी। अब वो अपनी अर्जी लेकर हाई कोर्ट पहुंचे हैं।