डेस्क:दिल्ली की सत्ता से बाहर हो चुकी अरविंद केजरीवाल सरकार के खिलाफ एक और जांच का आगाज हो गया है। दिल्ली विधानसभा में सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे पर पेश सीएजी रिपोर्ट को अब जांच के लिए पब्लिक अकाउंट्स कमिटी (पीएसी) को भेज दिया गया है। तीन महीने में इसकी रिपोर्ट आएगी। विधानसभा स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने सोमवार को सीएजी रिपोर्ट पर बहस के बाद यह आदेश दिया।
विधानसभा स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सदन ने सीएजी रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा की, जिसे पटल पर 28 फरवरी को रखा गया था। इसमें स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी गंभीर खामियों को उजागर किया गया है। यह ऑडिट 2016-17 से 2021-22 की अवधि के लिए किया गया था, जब आम आदमी पार्टी सत्ता में थी। उन्होंने कहा कि इसमें कई तरह तरह की खामियों को उजागर किया गया है।
स्पीकर ने कहा, ‘मैं यह व्यवस्था देता हूं कि सदन की लोक लेखा समिति प्राथमिकता के आधार पर सीएजी रिपोर्ट की जांच करेगी और तीन महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। विधानसभा सचिवालय तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सीएजी रिपोर्ट भेजेगा और स्वास्थ्य विभाग एक महीने के भीतर ऐक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करेगा।’ माना जा रहा है कि पीएसी की जांच से अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पीएसी की ओर से उन्हें सवाल-जवाब के लिए तलब किया जा सकता है।
दिल्ली विधानसभा के पहले सत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे के अलावा शराब नीति से जुड़ी सीएजी रिपोर्ट को भी पेश किया गया। दोनों ही रिपोर्ट पर सत्ताधारी भाजपा के विधायकों ने आम आदमी पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार पर तीखे हमले किए। भाजपा के विधायकों ने ‘आप’ और इसके मुखिया अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। शराब नीति पर सीएजी रिपोर्ट में सरकारी खजाने को 2 हजार करोड़ से अधिक के नुकसान का दावा किया गया है।