केरल विधानसभा चुनाव में एक वर्ष का समय शेष है, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और वाम दलों के नेतृत्व वाले एलडीएफ ने अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं। दोनों गठबंधन जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने के साथ-साथ चुनावी रणनीति पर काम कर रहे हैं। इन दोनों के बीच भाजपा अपनी पैठ बना रही है, जो आगामी चुनावों में कांग्रेस और वाम दलों के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है।
वर्तमान में केरल में वाम दलों की सरकार है, जो पिछले दस वर्षों से सत्ता में है। हालांकि, 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में यूडीएफ ने अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन यह कहना मुश्किल है कि लोकसभा चुनाव का असर विधानसभा चुनाव में दिखाई देगा। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद, 2021 विधानसभा चुनाव में एलडीएफ ने सरकार बनाई थी।
भाजपा की चुनावी रणनीति और नये मतदाताओं पर नजर
पार्टी के चुनावी रणनीतिकार मानते हैं कि पहले केवल यूडीएफ और एलडीएफ ही चुनावी विकल्प थे, लेकिन अब भाजपा धीरे-धीरे दोनों गठबंधनों के वोट बैंक में सेंध लगाते हुए अपनी जगह बना रही है। भाजपा की विशेष नजर नायर और मछुआरा समुदायों पर है, जो आमतौर पर एलडीएफ का समर्थन करते आए हैं।
भाजपा के प्रवेश ने केरल की राजनीति को बदल दिया है। अगर भाजपा सभी सीटों पर चुनाव लड़ती है, तो यह त्रिकोणीय मुकाबला बन सकता है, जिससे चुनावी गणित बदल सकता है।
भाजपा का प्रदर्शन और चुनावी गणित
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर भाजपा विधानसभा चुनाव में अपना प्रदर्शन बनाए रखती है, तो यह यूडीएफ और एलडीएफ दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है। लोकसभा चुनाव में भाजपा को 19 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि 2021 विधानसभा चुनाव में यह आंकड़ा 12 प्रतिशत था।
हिंदू मतदाताओं का समर्थन और भाजपा की बढ़ती पैठ
कांग्रेस रणनीतिकारों का मानना है कि एलडीएफ सरकार के खिलाफ केरल में लोगों में नाराजगी है, लेकिन यह देखना होगा कि क्या यूडीएफ इस नाराजगी को अपने पक्ष में बदल पाएगी। वहीं, एलडीएफ के लिए अपनी पुरानी सफलता दोहराना आसान नहीं होगा, खासकर त्रिशूर सीट पर भाजपा की जीत के बाद। भाजपा ने केरल के एक दर्जन से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया है, जिससे यह साफ है कि वह हिंदू मतदाताओं का विश्वास जीतने में सफल रही है।
इसके साथ ही, भाजपा अब ईसाई मतदाताओं को भी अपनी ओर खींचने में सफल हो रही है, जो भविष्य में चुनावी गणित को और चुनौतीपूर्ण बना सकता है।